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मुसलमानों के लिए क्यों जरुरी है नमाज, क्या मुसलमान कहीं भी पढ़ सकता है नमाज? जानिए

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कुछ दिनों पहले मुसलमानों के खुलेआम नमाज पढ़ने को लेकर खूब विवाद हुआ था। कुछ हफ्तों पहले शुक्रवार को सार्वजिनक नामाज पढ़ने पर एक संगठन ने वहां नमाज पढ़ रहे लोगों को हटा दिया। नामाज को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक बयान आया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि नमाज केवल ईदगाह और मस्जिदों में पढ़ी जानी चाहिए। आईए जानते हैं नमाज से जुड़ी कुछ अहम बातों को…

नमाज

साभार इंटरनेट

इस्लाम में क्यों जरुरी है नमाज़

इंसान की मुस्लिम होने की बुनियाद इस बात पर टिकी होती है कि वह अल्लाह को मानता हो और नमाज पढ़ता हो। इस्लाम में पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ने को ज़रूरी बताया गया है। इसे मुसलमान किसी कीमत पर नहीं छोड़ सकता। कुछ ही ऐसी वजह हैं जिस वजह से मुसलमान को नमाज न पढ़ने की छूट मिलती है।

नमाज

साभार इंटरनेट

मसलन अगर कोई बीमार हो तो उसे नमाज पढ़ने से छूट मिल जाती है। सफ़र में भी एक मुसलमान को नमाज़ पढ़ना ज़रूरी होता है लेकिन इस दौरान नमाज़ पढ़ने की प्रक्रिया छोटी कर दी जाती है। नमाज पढ़ने के लिए सबसे जरुरी चीज है इंसान का पाक-साफ होना। अगर इंसान पाक-साफ है तो वह नमाज कहीं भी पढ़ सकता है।

क्या हर जगह पढ़ी जा सकती है नमाज़?

एक मुसलमान कहीं भी नमाज़ पढ़ सकता है। नमाज पढ़ने की एक छोटी सी शर्त होती है वह यह है कि जिस जगह आपको नमाज पढ़ना है वो जगह साफ होनी चाहिए। सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इंसान किसी और की जमीन पर नमाज पढ़ सकता है।

नमाज

साभार इंटरनेट

तो इसका जवाब यह है कि अगर जमीन का मालिक नमाज के लिए मना कर दे तो शरीयत के मुताबिक उस जगह पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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