क्रिकेट
रोहित शर्मा ने मुझे वर्ल्ड कप फाइनल में क्यों नहीं खिलाया? मैं समझ गया: रविचंद्रन अश्विन
नई दिल्ली। भारतीय टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उन्हें रोहित शर्मा से कोई शिकायत नहीं है कि वर्ल्ड कप 2023 फाइनल के लिए उन्हें प्लेइंग 11 में जगह नहीं दी गई। अश्विन ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस बद्रीनाथ के यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा कि वो फाइनल से पहले रोहित शर्मा की मानसिकता को समझ चुके थे।
भारतीय स्पिनर ने कहा कि रोहित शर्मा ने करीब 100 बार प्लेइंग 11 संयोजन के बारे में सोचा होगा, मगर उनके पास विजयी टीम संयोजन में बदलाव करने का कोई कारण नहीं था क्योंकि टीम ने टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। याद दिला दें कि भारत ने लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में एंट्री की थी।
रविचंद्रन अश्विन ने क्या कहा
जहां तक मेरी बात है, तो मैं फाइनल खेलने वाला था। टीम संयोजन और बाकी बातें दूसरी हैं। पहली बात हमदर्दी के बारे में हैं, जिस पर मैं काफी जोर देता हूं। आप किसी और के जूते में पैर डालकर उसके नजरिये से चीजों को देखिए। अगर मैं रोहित की जगह होता तो टीम संयोजन बदलने के बारे में करीब 100 बार सोचता। टीम इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। ऐसे में मैं क्यों एक तेज गेंदबाज को आराम देकर तीन स्पिनर्स को खिलाता?
मैं रोहित शर्मा को समझ गया
अश्विन ने कहा ईमानदारी से कहूं तो मैं रोहित शर्मा की मानसिक प्रक्रिया को समझ पा रहा था। फाइनल में खेलना बड़ी बात है। मैं फाइनल के लिए तीन दिन तक तैयारी किया। मैं कई लोगों के मैसेज का जवाब नहीं दे रहा था। मैं सिर्फ व्हाट्सऐप के मैसेज टिकर से देखकर फोन दूर कर देता था।
मैंने खुद को मौके के लिए तैयार रखा था। उसी समय मैं भारतीय टीम का उत्साह बढ़ाने को भी तैयार था। अगर मुझे प्लेइंग 11 में मौका नहीं मिलता, तो मैंने मन में ठान रखा था कि ड्रिंक्स वगैरह लेकर मैदान के अंदर जाऊंगा। मैं इसके लिए भी मानसिक रूप से तैयार था।
भारत ने नहीं की थी मनचाही पिच की मांग
रविचंद्रन अश्विन ने सेमीफाइनल और फाइनल को लेकर हुए पिच विवाद पर भी अपनी राय व्यक्त की। अश्विन ने कहा कि भारत ने अपने मनमुताबिक पिच की मांग नहीं की थी, लेकिन दोनों टीमों का कहना था कि पहले उपयोग हुई पिच पर खेलेंगे। अश्विन ने साथ ही बताया कि ग्राउंड स्टाफ और आईसीसी का निर्णायक फैसला होता है कि मैच के लिए किस पिच का उपयोग होगा।
अश्विन को लेकर हुई हलचल
बता दें कि रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में भारतीय टीम का पहला मैच खेला और 34 रन देकर एक विकेट झटका। इसके बाद से वो लगातार बेंच पर बैठे। फाइनल में पिच के धीमे रवैये को देखते हुए अश्विन को प्लेइंग 11 में शामिल करने की मांग जोर पकड़ने लगी। रोहित शर्मा ने बदलाव पर ध्यान नहीं दिया और लगातार 6 मैच जीतने वाली टीम को फाइनल में बरकरार रखा।
क्रिकेट
ईशान-श्रेयस को लेकर BCCI सख्त, रणजी खेलना किया अनिवार्य; फॉर्म में वापसी के बाद ही होगी एंट्री
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और राष्ट्रीय चयनकर्ता ने इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को लेकर सख्त फैसला लिया है। बोर्ड ने भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी का अगला राउंड खेलने की सख्त हिदायत दी है।
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को 16 फरवरी से शुरू हो रहे अगले राउंड से पहले अपनी-अपनी रणजी टीम में शामिल होने को कहा है। यह फैसला तब लिया गया है जब ईशान किशन जैसे खिलाड़ी रणजी छोड़कर आईपीएल की तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं, श्रेयस को भी टेस्ट टीम में वापसी के लिए रणजी में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
ईशान ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला दिया
ईशान ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर पिछले साल दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे से नाम वापस ले लिया था। इसके बाद वह अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज भी नहीं खेले थे। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी टीम में शामिल नहीं किया गया।
भारत के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि ईशान को वापसी के लिए घरेलू स्तर पर कोई क्रिकेट खेलना होगा। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने रणजी ट्रॉफी नहीं खेली और अपनी टीम झारखंड से नहीं जुड़े और न ही उन्हें कोई जानकारी दी। कोच की सलाह को दरकिनार करते हुए ईशान बड़ौदा पहुंच गए और वहां हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के साथ प्रैक्टिस करते दिखे।
क्रुणाल और दीपक के लिए भी लागू नियम
बीसीसीआई की रणजी खेलने की सलाह सिर्फ ईशान और श्रेयस नहीं, बल्कि क्रुणाल और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों पर भी लागू होगा, जो कि फिलहाल टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम मैनेजमेंट के प्लान में नहीं हैं। श्रेयस को खराब फॉर्म की वजह से उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन मैचों से टीम से निकाल दिया गया। उन्हें भी अब यह फैसला मानना होगा।
BCCI के एक सूत्र ने क्रिकबज से कहा कि खिलाड़ी आईपीएल या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अपने मुताबिक नहीं चुन सकते। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल ही खेलना नहीं होता है। खिलाड़ियों को घरेलू सत्र और क्रिकेट का भी हिस्सा बनना पड़ेगा और अपने राज्य की टीमों को भी तरजीह देनी होगी।
हार्दिक पांड्या को अब तक नेशनल क्रिकेट एकेडमी की ओर से खेलने के लिए क्लीयरेंस नहीं मिली है। वहीं, विराट कोहली जो कि निजी कारणों से टीम से बाहर हैं, उन पर यह फैसला लागू नहीं होगा। वहीं, ईशान आईपीएल के इंतजार में बैठकर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बोर्ड तक को यह नहीं बताया है कि वह कहां हैं और क्या कर रहे हैं।
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