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नेशनल

वाजपेयी के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक, जानें क्या हैं नियम

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राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। और अब अटल हमारे बीच नहीं रहे हैं। कल शाम 5 बजे के करीब यह समाचार आया कि अटल अब नहीं रहे। काफी लोगों को एक धक्का लगा है कि अब अटल हमारे बीच नहीं रहे। केंद्र सरकार ने इस मौके पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रीय शोक क्या होता है और इसके क्या नियम है आइए जानते हैं-

जब किसी नेता, गणमान्य शख्स का निधन हो जाता है जिन्होंने देश के लिए अहम योगदान दिया हो तब राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है। राष्ट्रीय शोक उस महान शख्सियत के मृत्यु पर संवेदना, दुख प्रकट करने का एक तरीका है। राष्ट्रीय शोक कितने दिनों की हो इसका निर्णय सरकार करती है। अब तक की परंपरा को देखें तो राष्ट्रीय शोक एक दिन से लेकर सात दिनों तक देखा गया है।

साभार – इंटरनेट

राष्ट्रीय शोक के नियम –
* राष्ट्रीय शोक के दौरान देशभर में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है जहां इसे नियमित फहराया जाता है।
* राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।
* राष्ट्रीय शोक में सरकारी कार्यालय और कॉलेज (सरकार के निर्णय पर) बंद रखा जाता है।
* सरकारी कार्यों और समारोह और छोटे-बड़े उत्सव को रद्द कर दिया जाता है।
* दूरदर्शन और आकाशवाणी पर शोक के धुन बजाए जाते हैं।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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