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प्रादेशिक

लखनऊ में स्कूलों के लिए आयोजित किया गया उद्यमिता कार्यक्रम

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टीआईई लखनऊ व विद्याट्री माडर्न वर्ल्‍ड कालेज, उद्यमिता के महत्व एवं प्रशिक्षण, टीआईई चार्टर सदस्य एवं लखनऊ के उद्यमी आलोक मिश्रा

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छात्रों को नौकरी खोजने की बजाय रोजगार प्रदाता बनाने पर जोर

लखनऊ। टीआईई लखनऊ ने विद्याट्री माडर्न वर्ल्‍ड कालेज (वीएमडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर कक्षा 8 से 12 तक के विद्यार्थियों को उद्यमिता के महत्व एवं प्रशिक्षण अवसरों से परिचित कराने के लिए आज यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया। प्रोग्राम की थीम थी- उद्यमियों का निर्माण: क्यों और कैसे। जिन विषयों पर चर्चा की गयी उनमें प्रमुख थे- उद्यमिता का परिचय, बिजनेस की योजना कैसे तैयार की जाये और धन की व्यवस्था के अवसर। टीआईई चार्टर सदस्य एवं लखनऊ के जाने-माने उद्यमी आलोक मिश्रा एवं अमन शाहपुरी प्रोग्राम में मुख्य वक्ता थे। आलोक मिश्रा ने अपना कॅरियर बहुत ही कम उम्र में शुरू कर दिया था। टीआईई का चार्टर सदस्य होने के अलावा वे बूटस्ट्रैप वीकेंड्स के संस्थापक सदस्य हैं और सिटी कॉजेज नामक एक सामाजिक संगठन भी चलाते हैं। उन्होंने कुछ ऐसे गुणों का जिक्र किया जो किसी उद्यमी में होने बहुत जरूरी होते हैं। साथ ही उद्यमिता के कुछ चरणों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अपनी सोच को दिशा दीजिए और आपको अपने सवालों का उत्तर मिल जायेगा। किसी पत्रकार की भांति सवाल कीजिए और अपने आसपास के वातारण को समझ लीजिए।

छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी विषय की पूरी जानकारी पाने के लिए एक पत्रकार की तरह सवाल पूछिये। उन्होंने कई तरह के विचार सामने रखे और हर एक को कुछ नया उत्पाद बनाने को कहा। अंत में उन्होंने कहा कि तेज और निरंतर चलने वाला व्यक्ति धीमे और रुक-रुक कर चलने वाले को पीछे छोड़ देता है। अपनी काबिलियत को समझिए और यह भी सीखिए कि एक टीम में कैसे काम किया जाता है। टीमवर्क में मौके पर ही फैसले लेने होते हैं और नेतृत्व करना होता है। वैचारिक स्तर पर रचनात्मक रहिये और हर किसी समस्या का समाधान खोजने का प्रयास कीजिए। उनका पूरा सैशन आपसी बातचीत के अंदाज में था। छात्रों ने बीच-बीच में उनसे अपनी बातें भी सांझा कीं।

अमन शाहपुरी यूईएल लंदन से पढ़ाई कर चुके हैं। डिजिटल मीडिया और नये कामधंधे शुरू करने का उन्हें करीब 10 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कई संगठनों के लिए शुरुआती पूंजी जुटाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हम एक स्वर्ण काल में जी रहे हैं और हमें अपनी रचनात्मकता को पूरा जगाकर रखना चाहिए। किसी प्रोजेक्ट के लिए पैसों का प्रबंध कई बातों पर निर्भर करता है। इस बात को उन्होंने उदाहरणों के जरिये समझाया। उन्होंने छात्रों को विविध विकल्पों की जानकारी दी और क्राउड फंडिंग तथा एंजेल इन्वेस्टर्स आदि के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि अपने विचारों पर भरोसा कीजिए। अपनी आइडिया को जुनून के साथ पकड़ कर रखिए। विभिन्न समस्याओं पर गौर कीजिए, उनके हल खोजिए, फिर देखिए कि कैसे धन का प्रबंध होता चलता है। पैसे की व्यवस्था करने से भी पहले अपने कार्य की योजना बनाइए। रिसर्च कीजिए। लक्ष्य तय कीजिए। अपने दिल की आवाज को सुनिए और सही व्यक्तियों से सही समय पर सही सवाल कीजिए। वक्ताओं ने अपनी बात कहने के बाद छात्रों से एक-एक करके मुलाकात की, ताकि उनके विचारों को व्यक्तिगत रूप से जाना जा सके। ये बच्चे अपने स्कूलों में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत विविध रोजगारों के लिए तैयारी कर रहे हैं। इतनी कम उम्र में ये बच्चे किस तरह से उद्यमिता के बारे में सजग और उत्साहित दिखे, इससे वक्तागण प्रभावित थे।20160122_124451

वीएमडब्ल्यूसी के संस्थापक राकेश कपूर ने वक्ताओं का धन्यवाद किया और स्कूल की विविध गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे छात्रों में उद्यमिता के बीज बोए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों में पांच बेसिक स्किल्स को विकसित किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं- सोचना, शोध, सामाजिकता, संचार और अपना प्रबंधन। जीवन भर के लिए शिक्षा मिशन के तहत स्कूल का लक्ष्य है छात्रों को रोजगार प्रदाता बनाना, न कि नौकरी खोजने वाला। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों में प्रमुख थे- टीआईई लखनऊ के अध्यक्ष आशीष कॉल, सचिव सचिन साहनी, खजांची खुशाल भार्गव, वीएमडब्ल्यूसी की इंटरनेशनल बैक्कालाउरिएट एजूकेशन के निदेशक सिद्धार्थ कपूर।

कार्यक्रम का आयोजन वीएमडब्ल्यूसी ने अपने उद्यमिता विकास प्रोग्राम के तहत किया था। इस योजना के तहत छात्रों को उद्यमी बनने संबंधी योग्यताओं और कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूल के इंटरनेशनल बैकेलाउरिएट करीकुलम के अंतर्गत पांच मूलभूत कौशलों पर जोर दिया जाता है, जिनमें शोध, विचार, संचार, आत्म प्रबंधन तथा सामाजिक कौशल प्रमुख है। स्कूल के प्रोग्राम कीं 10 काबिलियत और 12 एटीट्यूड की सूची में उद्यमिता का महत्वपूर्ण स्थान है। वीएमडब्ल्यूसी नियमित रूप अपना बॉस खुद बनो जैसी थीम पर कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रतियोगिताएं आयोजित करता रहता है, जिसके तहत छोटे विद्यार्र्थी भी अपना बिजनेस प्लान और आइडिया विकसित करते हैं।

 

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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