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उत्तराखंड

…और फिर अंकुरित हो गया रक्षा मोर्चा

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उत्तराखंड रक्षा मोर्चा एक बार फिर से जीवित, छोटे-छोटे दल गठजोड़ से बनेगा बड़ा मोर्चा, कोटद्वार होगा राजनीति का केंद्र, रक्षा मोर्चा की कमान पूर्व डीआईजी बीएस नेगी के हाथों में, मुख्य भूमिका पूर्व आईएएस एसएस पांगती और पीसी थपलियाल की

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उत्तराखंड रक्षा मोर्चा एक बार फिर से जीवित, छोटे-छोटे दल गठजोड़ से बनेगा बड़ा मोर्चा, कोटद्वार होगा राजनीति का केंद्र, रक्षा मोर्चा की कमान पूर्व डीआईजी बीएस नेगी के हाथों में, मुख्य भूमिका पूर्व आईएएस एसएस पांगती और पीसी थपलियाल की

सुनील परमार

देहरादून। उत्तराखंड रक्षा मोर्चा एक बार फिर से जीवित हो गया है। इस बार रक्षा मोर्चा की कमान पूर्व डीआईजी बीएस नेगी के हाथों में होगी। रक्षा मोर्चा की गतिविधियों का मुख्य केंद्र कोटद्वार होगा। कोटद्वार को पहाड़ का द्वार कहा जाता है। रक्षा मोर्चा अन्य छोटे दलों के साथ गठजोड़ कर एक बड़ा मोर्चा बनाने की कवायद कर रहा है। इसमें मुख्य भूमिका पूर्व आईएएस एसएस पांगती और पीसी थपलियाल की होगी। अन्य दलों के साथ गठबंधन के लिए प्रमुख भूमिका पीसी थपलियाल की होगी। उन्हें दलों के बीच समन्वयक की भूमिका दी गई है।

छोटे-छोटे दल गठजोड़ कर बनाएंगे बड़ा मोर्चा

उत्तराखंड रक्षा मोर्चा ने वर्ष 2012 में हुए चुनाव में शिरकत की थी। पहली बार इस मोर्चा को जनता ने खूब वोट दिये थे, वोट प्रतिशत उक्रांद से भी अधिक था। हालांकि विधानसभा में खाता खोलने में रक्षा मोर्चा असफल रहा। मोर्चा अध्यक्ष पूर्व ले. जनरल टीपीएस रावत भी चुनाव हार गये। इसके बाद जनरल रावत के हौसला जवाब दे गया और जब मौका मिलते ही उन्होंने रक्षा मोर्चा का विलय आम आदमी पार्टी में कर दिया और फिर कांग्रेस में शामिल हो गये थे। कांग्रेस ने जनरल रावत को हाशिये पर रख दिया और विगत कई साल से वो गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता के लिए हो रहे घमासान व विधायकों की हाॅर्स ट्रेडिंग ने रक्षा मोर्चा को खड़ा करने में अहम भूमिका अदा करने वाले नेता फिर सक्रिय हो गये। फैसला किया गया कि रक्षा मोर्चा एक बार फिर खड़ा किया जाए। गढ़वाल मंडल के पूर्व कमिश्नर एसएस पांगती और पीसी थपलियाल ने बीड़ा उठाया और संगठन खड़ा हो गया है।

इस बार कोटद्वार होगा राजनीति का केंद्र

पीसी थपलियाल ने आज की खबर से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड का विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि भाजपा व कांग्रेस के हाथों में सत्ता होगी। ये दोनों दल सत्ता के लिए यहां की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और लोकतंत्र को मजाक बना रहे हैं। पिछले 15 वर्षों में इन दोनों दलों ने बारी-बारी से उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन को लूटने का काम किया है। निजी स्वार्थ और लूट-खसोट ही इनका मकसद रहे हैं। ऐसे में अब जनता को जागरूक होना होगा साथ ही क्षेत्रीय दलों को निजी स्वार्थ व अहम छोड़कर एक मंच पर आना होगा। क्षेत्रीय दल गठजोड़ कर लें तो भाजपा- कांग्रेस का विकल्प बन सकते हैं।

छोटे-छोटे दल गठबंधन कर बनाएंगे बड़ा मोर्चा

सूत्रों के अनुसार विभिन्न क्षेत्रीय दल जिनमें समीर रतूड़ी का प्रजामंडल, आदित्य कोठारी का स्वराज मोर्चा, उक्रांद के कुछ घटक और कुछ अन्य दलों की तीसरे मोर्चे के गठन के लिए दो तीन बैठक हो चुकी हैं। यदि यह प्रयास सफल रहा तो निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में ये दल भाजपा-कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं।

 

 

 

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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