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उत्तराखंड: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का ट्रांसफर

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उत्तराखंड हाईकोर्ट, चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का ट्रांसफर, राष्ट्रपति शासन को हटाने का आदेश देने वाले जज, बी भोंसले उत्तराखंड के नए चीफ जस्टिस

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उत्तराखंड हाईकोर्ट, चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का ट्रांसफर, राष्ट्रपति शासन को हटाने का आदेश देने वाले जज, बी भोंसले उत्तराखंड के नए चीफ जस्टिस

Chief Justice KM Joseph

देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हटाने का आदेश देने वाले उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का आंध्रप्रदेश तबादला कर दिया गया है। बी भोंसले उत्तराखंड के नए चीफ जस्टिस बनाए गए हैं। बता दें कि चीफ जस्टिस केएम जोसेफ ने उत्तराखंड के लगे राष्ट्रपति शासन को गलत करार दिया था। ऐसे में जब आज सु्प्रीम कोर्ट से उत्तराखंड के सियासी संकट को लेकर बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही है, जोसेफ का ट्रांसफर चर्चा को विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि 21 मार्च को चीफ जस्टिस केएम जोसेफ की खंडपीठ ने उत्तराखंड में लगे राष्ट्रपति शासन को हटाने का आदेश दिया था।

99 पृष्ठों का यह फैसला अपने आप में एक नजीर माना जा रहा है। जोसेफ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं हैं। राष्ट्रपति भी गलती कर सकते हैं। जस्टिस जोसेफ की इस टिप्पणी की कई लोगों ने आलोचना भी की थी। लेकिन ऐसे में जब सु्प्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है और बुधवार को बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही है, जोसेफ का तबादला कई सवाल खड़े जरूर करता है।

जस्टिस कुटटीयाल मैथ्यू जोजफ उत्तराखंड हाईकोर्ट के नवें मुख्य न्यायाधीश के रूप में तैनात हुए थे। इससे पूर्व आठ चीफ न्यायाधीश उच्च न्यायालय में अहम फैसले दे चुके हैं। जस्टिस जोजफ का जन्म 17 जून 1958 को हुआ था। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय कोच्चि और नई दिल्ली, लोयोला कॉलेज चेन्नई और राजकीय लॉ कालेज एर्नाकुलम से शिक्षा प्राप्त की। जस्टिस जोजफ ने 12 जनवरी 1982 में दिल्ली से सिविल की वकालत शुरू की। उन्होंने केरल हाईकोर्ट में भी वकालत की। उन्हें 14 अक्टूबर 2004 को केरल हाईकोर्ट के स्थाई जज के रूप में नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति की ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना 26 जुलाई को जारी की गई थी।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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