Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

बाहर की निर्माण एजेंसियों पर भी लागू होंगे राज्य के कानून

Published

on

उत्‍तराखंड, बाहर की निर्माण एजेंसियों पर भी लागू होंगे राज्य के कानून, सभी विभागों को निर्देश जारी, बाहरी एजेंसियों के पास राज्य से अधिक काम

Loading

उत्‍तराखंड, बाहर की निर्माण एजेंसियों पर भी लागू होंगे राज्य के कानून, सभी विभागों को निर्देश जारी, बाहरी एजेंसियों के पास राज्य से अधिक काम

देहरादून। प्रदेश में निर्माण कार्य कर रही बाहरी एजेंसियों पर अब राज्य के कायदे कानून लागू होंगे। यूपी राजकीय निर्माण निगम समेत आधा दर्जन बाहरी एजेंसियों को अब वर्क-ऑर्डर के माध्यम से बंदरबाट करने के बजाय टेंडरिंग प्रक्रिया से ही निर्माण का काम कराना होगा। इसके अलावा हर प्रोजेक्ट की फाइल को टीएसी (टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी) से मंजूरी लेना भी जरूरी हो जाएगा। जो काम सोलह साल में निर्वाचित सरकारें नहीं कर सकी, वो काम दस दिन के राष्ट्रपति शासन में हो गया।

सभी विभागों को निर्देश जारी

राज्य गठन से अब तक कई बार बाहर की निर्माण एजेंसियों को प्रतिबंधित कर राज्य की एजेंसियों को काम देने की खूब वकालत हुई, लेकिन यह मुहिम अंजाम तक नहीं पहुंची। मुख्य सचिव के आदेश के बाद नियोजन विभाग के सचिव एमसी जोशी ने सात अप्रैल को सभी विभागों के सचिवों व प्रमुख सचिवों को निर्देशित किया है कि राज्य में कार्यरत बाहरी निर्माण एजेंसियां राज्य के कायदे-कानून (उत्तराखंड प्रक्योरमेंट रूल) का अनुपालन करेंगी। एक मोटे अनुमान के तौर पर प्रतिवर्ष तीन हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि अवस्थापना विकास कार्यों में खर्च होती है।

बाहरी एजेंसियों के पास राज्य से अधिक काम

इसमें से पंद्रह सौ करोड़ रुपये पीडब्लूडी के माध्यम से खर्च होते है और 500 करोड़ रुपये राज्य की पेयजल निगम व अन्य एजेंसियां खर्च करती है। तकरीबन हजार करोड़ का काम बाहर की एजेंसियों के पास है और इस हजार करोड़ में 80 प्रतिशत काम अकेले यूपी राजकीय निर्माण निगम के जिम्मे है। इसके बाद वेबकोश, यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम, यूपी सहकारी संघ निर्माण निगम समेत करीब आधा दर्जन बाहर की एजेंसियों का नंबर आता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि जितना काम यूपी राजकीय निर्माण निगम के पास है, इसके बराबर भी राज्य की निर्माण एजेंसियों के पास नहीं है। सिडकुल से लेकर सभी विभागों में यह निगम एक वर्क ऑर्डर से करोड़ों के काम कराता है, जबकि राज्य की एजेंसियों को टेंडर प्रक्रिया अपनानी होती है। यही नहीं, ये बाहरी एजेंसियां एक प्रोजेक्ट के काम को कई हिस्सों में भी बांट देती थी। भवन निर्माण, इलेक्ट्रिक वर्क्स सभी के अलग-अलग आदेश होते थे, लेकिन टेंडर के बाद अब सभी काम एक ही ठेकेदार के पास रहेंगे।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

Published

on

Loading

नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

Continue Reading

Trending