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प्रादेशिक

पिछला एक साल परिवहन निगम के लिए चुनौतीपूर्ण रहा हैः अशोक कटारिया

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि पिछला एक वर्ष परिवहन निगम के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। निगम के कर्मियों ने बढ़-चढ़ कर प्रवासियों के परिवहन का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर आने पर दिल्ली, कानपुर एवं लखनऊ से 27 हजार बस ट्रिप संचालित कर लगभग नौ लाख से अधिक प्रवासियांे को सुरक्षित संचरण सेवा प्रदान की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से आये 52 हजार यात्रियों को रेलवे स्टेशन से 1158 बसों से विभिन्न गन्तव्यों हेतु भेजा गया।

कटारिया आज परिवहन निगम के कार्यालय में निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर में यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अन्तर्राज्यीय परिवहन सेवा बंद होने से निगम को बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि लगभग 27 प्रतिशत लोग इससे यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या 12 लाख से ऊपर जाने पर ही निगम हानि से बाहर आयेगा। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्य में बदलाव लाने होंगे। पारंपरिक ढर्रें से बाहर आकर आधुनिक बनने की आवश्यकता है।

कटारिया ने कहा कि सालाना निगम की आमदनी जितनी है, उतने ही खर्चें है। खर्चें घटाये जायें तभी निगम लाभ में दिखाई देगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि चालकों की ड्यूटी साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई जाये। प्रवर्तन कर्मियों की ड्यूटी नियमित रूप से बदलती रहनी चाहिए। लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्य करने वालों को तत्काल बदला जाय। निगम में लम्बित जांचों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो। सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के देयकों का भुगतान प्राथमिकता से किया जाए।

कटारिया ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि निगम की बसें स्टेशन न जाकर सीधे बाईपास से निकल जाती है। सभी बसें बस-अड्डे से होकर ही जाये। ऐसा न करने वाले ड्राइवर एवं कन्डेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। उन्होेंने कहा कि बसों में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन किया जाय। बिना मास्क के लोगों को यात्रा न करने दी जाय। बसों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। कोरोना से बचत रखते हुए समस्त प्रक्रियाओं का निष्पादन किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि हर रीजन की व्यक्तिगत समीक्षा की जायेगी। कमियां पायेजाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा उन्होंने परिवहन निगम के स्वामित्व की समस्त भूमि का विवरण तैयार करने के निर्देश भी दिए।

प्रमुख सचिव, परिवहन श्री राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण विभिन्न प्रकार की गतिविधियां बंद होने के कारण यात्रियों का संचरण प्रभावित हुआ है। सार्वजनिक परिवहन 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा अन्तर्राज्यीय संचालन भी प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से निगम द्वारा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार तथा मध्य प्रदेश से ज्यादा यात्रियों का परिवहन होता है। इससे निगम की आय पर भारी प्रभाव पड़ा है। अन्तर्राज्यीय संचालन शुरू करने की कार्यवाही शासन स्तर पर विचाराधीन है। शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में महिला चालकों को आबद्ध कर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण संस्थान, कानपुर में 26 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के पश्चात महिलाओं को पिंक बसों में संचालन हेतु तैनात किया जायेगा।

बैठक में परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने मंत्री जी को विस्तार से निगम के कार्यकलापों से अवगत कराया एवं उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की बात कही। इस मौके पर मुख्यालय के अधिकारियों से जनपदीय अधिकारी भी वर्चुअल रूप से जुड़े थे।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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