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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र ने यूएनएमआईएसएस परिसर में हमले की निंदा की

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बरेली में आग से झुलसकर 6 की मौत

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बरेली में आग से झुलसकर 6 की मौत

जुबा| दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) ने देश के बेन्तीउ क्षेत्र में इसके परिसर में हमले की निंदा की। इस हमले से परिसर के मानवीय हब स्थित एक कंटेनर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यूएनएमआईएसएस ने जुबा में गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि सोमवार को सशस्त्र हमलावरों ने रॉकेट चालित ग्रेनेड से परिसर में हमला किया।

मिशन के अनुसार, “शुरुआती जांच से पता चला है कि हमले में छोटे हथियारों सहित प्रोजेक्टाइल का इस्तेमाल किया गया था।”

बयान के मुताबिक, यूएनएमआईएसएस परिसर के बारे में सभी को पता है और हमले के समय वहां सुरक्षाबल मौजूद नहीं थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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