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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण सूडान में अकाल का वास्तविक खतरा : संयुक्त राष्ट्र

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दक्षिण सूडान में अकाल का वास्तविक खतरा : संयुक्त राष्ट्र

जुबा । संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ने आगाह किया है कि दक्षिण सूडान के संघर्ष प्रभावित समुदायों के हजारों लोगों और खाद्यान्न संकट से जूझ रहे क्षेत्र में वास्तविक रूप से अकाल का खतरा बना हुआ है। मानवीय मामलों के समन्वयन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका विशेषज्ञों के हवाले से अपनी ताजा रपट में कहा है कि दक्षिण सूडान द्वारा फरवरी से लेकर जुलाई 2017 तक लंबे अर्से तक बरकारार रहने वाले सूखे के कारण चरम स्तर पर खाद्य असुरक्षा पैदा होने की संभावना है।

शुक्रवार शाम जारी हुई रपट में ओसीएचए ने कहा है, “उपज का मौसम होने के बावजूद स्मार्ट द्वारा सितम्बर 2016 और नवम्बर 2016 के बीच कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, वैश्विक तीव्र कुपोषण (जीएएम) के पैमाने के अनुरूप तेजी से प्रसार के साथ कुपोषण का स्तर ऊंचा बना रहा।”

रपट के अनुसार, कई घरों में लोग खेती करने में असमर्थ हैं और लोग जीवित रहने के लिए मछली और जंगली खाद्य पदार्थो पर ही निर्भर हैं।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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