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लखनऊ में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने किया जमकर प्रदर्शन, जाने क्या है पूरा मामला

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ट्रांसजेंडर

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लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ दिन पहले एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि समलैंगिकता अपराध नहीं है। कोर्ट का यह फैसला देश में समलैंगिक व ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। इस फैसले के बाद से ही लोग जश्न मना रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पायल फाउंडेशन के बैनर तले थर्ड जेंडर ने भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया गया।

बुधवार को रमता ग्रुप के बैनर तले एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था। जिसमें कहा गया था कि थर्ड जेंडर के ऊपर वह फिल्म का निर्माण कर रहे हैं।

जल्द ही देश के सिनेमाघरों में थर्ड जेंडर के ऊपर बनी फिल्म का चित्रण किया जाएगा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने व उनकी छवि को खराब करने के लिए बिंदास ग्रुप उनके जीवन पर आधारित फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। बैठकों का आरोप है कि राहुल पंडित ने लिखा है कि लड़का लड़की पैदा होने पर लोग खुश होते हैं। लेकिन थर्ड जेंडर पैदा होने पर दुखी वही जब किसी किन्नर की मौत होती है तो उसका शव रात के अंधेरे में ले जाया जाता है। चप्पलों से मारा जाता है।

जहां सारी दुनिया मानवाधिकारों की बात कर रही है लेकिन थर्ड जेंडर की भावनाओं से खिलवाड़ हो रहा है। साथ ही उनके साथ उनके चरित्र को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।

वहीं किन्नरों का कहना है अगर किसी व्यक्ति विशेष या थर्ड जेंडर की जानकारी ना हो तब तक उस पर कोई बात ना की जाए ना ही उसके बारे में कुछ प्रदर्शित किया जाए। अगर कोई प्रोड्यूसर-डायरेक्टर फिल्म बनाना चाहता है। जिस मुद्दे पर वह फिल्म बना रहा है सबसे पहले उस तथ्य की बारे में जानकारी करें ताकि कोई भी जानकारी समाज में गलत न फैलाई जा सकें।

वही प्रदर्शन कर रहे हैं पायल फाउंडेशन के बैनर तले किन्नरों का कहना है कि अगर उनके जीवन पर आधारित कोई फिल्म हिंदुस्तान के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई या बनाई गई तो पूरे देश में वह विरोध प्रदर्शन करेंगे।

साथ ही उस प्रदूषण के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे। वही ज्ञापन सौंपते हुए कहा इस बैनर तले उनके जीवन पर आधारित फिल्म का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार उस पर सख्त कार्रवाई करें क्योंकि किन्नर समाज नहीं चाहता कि वह उनके जीवन पर आधारित कोई फिल्म बनाएं अगर उन्हें अपने जीवन पर आधारित फिल्म बनानी होगी तो वह स्वयं बना लेंगे।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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