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आध्यात्म

आज देश में रौशनी के त्यौहार दिवाली की धूम, जानिए पूजा का समय

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अंधेरे से कह दो कही और घर बसा ले, मेरे देश में आज रौशनी का सैलाब आया है। पुरे देश में महापर्व दिवाली की धूम हैं। बाजार गुलज़ार है और देश की हर गली में रौशनी का सैलाब आया है।इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में 13 लाख दिए जलाए गए।

बता दें कि दीपावली का त्यौहार देश का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। आज के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है ,साथ ही कुबेर, माँ सरस्वती की भी अर्चना होती है। दिवाली का त्यौहार भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास को पूरा कर के घर लौटने पर मानना शुरू हुआ था।

अयोध्या में जनता ने दीपों से पुरे शहर को रोशन कर अपने भगवान का स्वागत किया था। ये त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और इस बार पूजा का शुभ मुहरत शाम 06:09 बजे से शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति रात 08:04 बजे होगी।

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आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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