Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

कच्चे तेल के उत्पादन में हो सकती है कमी, दामों में होगी बढ़ोतरी

Published

on

कच्चे तेल

Loading

नई दिल्ली। कच्चे तेल उत्पादक देशों का समूह ओपेक+ इसके उत्पादन में 3 प्रतिशत या 1 मिलियन बैरल प्रतिदिन (10 लाख बैरल) से अधिक की कटौती कर सकता है। यह खबर ऐसे समय पर आई है, जब ओपेक+ की बैठक आने वाले बुधवार को वियना में होने वाली है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स को ओपेक+ समूह से एक प्रतिनिधि ने बताया कि उम्मीद से ज्यादा कटौती इस बात को दर्शाती है कि मौद्रिक नीतियों के सख्त होने के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से धीमी हो रही है। डॉलर के मजबूत होने के कारण भी कच्चे तेल की कीमत प्रभावित हुई है। हालांकि तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला मंत्रियों की बैठक के बाद ही लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें

प्रधानमंत्री ने लॉन्च की 5G इंटरनेट सेवाएं, मिलेगी 20 गुना ज्यादा स्पीड

इतनी है गौतम अडानी की एक दिन की कमाई, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

कच्चे तेल की कीमत

दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में पिछले कुछ महीनों में बड़ी कमी देखने को मिली है। रूस- यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई थी, लेकिन अब यह घटकर 87 डॉलर के आसपास आ गई है। बता दें, कच्चे तेल उत्पादन में कटौती करके सऊदी अरब, रूस और यूएई जैसे देश तेल की कीमत को 100 डॉलर के आसपास रखना चाहते हैं।

वियना में होगी बैठक

23 तेल निर्यातक देशों के समूह की बैठक बुधवार को ओपेक के वियना स्थित मुख्यालय में प्रस्तावित है। ओपेक सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, यह ऑनलाइन होने वाली मासिक बैठक है। ओपेक ने 2022 के अंत तक केवल ऑनलाइन बैठक ही करने का फैसला किया है।

लगातार दूसरी कटौती

अगर ओपेक+ इस महीने भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का फैसला करता है, तो यह लगातार दूसरे महीने कच्चे तेल के उत्पादन में की जाने वाली कटौती होगी। पिछले महीने क्रूड ऑयल के उत्पादन करीब एक लाख बैरल प्रतिदिन की कमी की गई थी।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending