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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान के कुंदूज स्थित मस्जिद में हुआ आतंकी हमला, 100 लोगों ने गंवाई जान, कई घायल

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अफगानिस्तान के कुंदूज स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार को आतंकवादी हमला हुआ। हमले में कुल 100 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवा दी साथ ही कई लोग घायल भी हो गए। बता दें कि हमले में शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया। इस हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसआईएस-के) ने ली है। जानकारी के मुताबिक हमला उस वक़्त किया गया, जब शिया मुस्लिम मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ पढ़ने पहुंचे थे।

चश्मदीदों के मुताबिक हमले में कुल 170 शिया मुस्लिमों और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए। ये विस्फोट अफगानिस्तान के उत्तरी कुंदूज प्रान्त में स्थित सैद आबाद मस्जिद में हुआ। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़े के बाद से ही वहां आईएसआईएस के आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते दोनों समूहों के बीच व्यापक संघर्ष का माहौल बना हुआ है।

आईएसआईएस खुरासान ने विस्फोट की ज़िमेदारी ली और आत्मघाती हमलावर की पहचान उइगर मुस्लिम के तौर पर की। आईएसआईएस ने कहा कि ‘हमले में शियाओं और तालिबान दोनों को निशाना बनाया गया जो कि चीन से उइगरों की मांगों को पूरा करने में बाधा बन रहे हैं।’ इस्लामिक स्टेट समूह अफगानिस्तानी शिया मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर कई आतंकवादी हमले कर चुके हैं। शुक्रवार को निशाना बनाए गए लोग हज़ारा समुदाए से हैं। इस समुदाए पर लम्बे वक़्त से सुन्नियों द्वारा भेदभाव किया जाता आया है।बता दें कि इससे पहले रविवार को काबुल की एक मस्जिद में हुए विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और 32 अन्य घायल हो गए थे। घटना काबुल की ईदगाह मस्जिद में भीड़भाड़ वाली जगह पर हुई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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