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डेबिट कार्ड, एटीएम और चेक बुक इस्‍तेमाल करना हो सकता है महंगा, जानिए वजह

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देश के दिग्गज बैंकों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजकर मिनिमम बैलेंस के बदले में वसूली गई पेनाल्टी पर टैक्स भुगतान करने को कहा है। इस तरह डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और आन्य सेवाओं के लिए बैंक की और से ली जाने वाली राशि भी टैक्स के दायरे में आ सकती है।

आयकर विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को, ग्राहकों की ओर से मिनिमम अकाउंट बैलेंस रखनें पर दी जाने वाली फ्री सर्विसेज के एवज में टैक्स की मांग की है।

अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को बैंक एक लिमिट तक फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन, चेकबुक और डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं फ्री देता है। ऐसे में अगर बैंक सरकार को फ्री सर्विसेज के लिए टैक्‍स देगा तो वह अपने ग्राहकों से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्‍य सेवाओं के लिए शुल्‍क लेना शुरू करेगा।

मिनिमम बैलेंस रखने पर भी एटीएम, चेकबुक या फिर डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल महंगा हो सकता है। ख़बरों के अनुसार, सरकार ने जीएसटी के तहत बैंकों को नोटिस जारी किया है। अगर यह लागू हो जाता है तो ग्राहकों के खाते में कितने भी पैसे क्यों ना हों, एटीएम, चेकबुक या फिर डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने पर अलग से शुल्‍क देना पड़ सकता है। या फिर इसके बदले में ग्राहकों को अभी के मुकाबले ज्यादा मिनिमम बैलेंस रखना पड़ सकता है।

एटीएम, चेकबुक या फिर डेबिट कार्ड की सुविधा देकर बैंक आपको सर्विस देता है और इस सर्विस के बदले में बैंक आपसे कहता है कि आप अपने खाते में एक तय मिनिमम बैलेंस जरूर रखें। सरकार की नजर में ये मिनिमम बैलेंस एक तरह से सर्विस चार्ज है। इसलिए इस पर सर्विस टैक्स बनता है।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलीजेंस यानि डीजीजीएसटी ने सभी बड़े बैंकों को टैक्स वसूली का नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस के तहत पिछले समय से टैक्स की देनदारी बतायी गयी है। यानी जीएसटी लागू होने से पहले जब सर्विस टैक्स लगता था उस वक्त के हिसाब से सर्विस टैक्स भी देना होगा। ये रकम हजारों करोड़ में पहुंच सकती है।

इस मामले पर टैक्स विभाग की नजर तब पड़ी जब बैंकों ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वालों से शुल्‍क वसूलना शुरू कर दिया। कुछ बैंकों ने पेनल्टी लगाना शुरू कर दिया। ऐसे में इस शुल्‍क पर सरकार को टैक्‍स देना पड़ेगा।

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स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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