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रास में उठा श्री श्री के कार्यक्रम का मामला, कई सदस्यों ने जताया विरोध

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श्री श्री रविशंकर का तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, विरोध की गूंज आज राज्‍यसभा में, यमुना के बाढ़ से डूबने वाले क्षेत्र में प्रस्तावित तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम

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श्री श्री रविशंकर का तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, विरोध की गूंज आज राज्‍यसभा में, यमुना के बाढ़ से डूबने वाले क्षेत्र में प्रस्तावित तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम

नई दिल्ली। श्री श्री रविशंकर के तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के विरोध की गूंज आज राज्‍यसभा में भी सुनाई दी. यमुना के बाढ़ से डूबने वाले क्षेत्र में प्रस्तावित श्री श्री रविशंकर का तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम विवादों में घिरने के बाद आज राज्यसभा में भी उठा। एनजीटी भी आज इस पर अपना फैसला सुना सकती है। इससे पहले सदन में विपक्ष ने इसको गंभीर मामला बताते हुए इस पर फौरन चर्चा की मांग उठाते हुए हंगामा किया। हालांकि सरकार की ओर से सांसद मुख्‍तार अब्बास नकबी ने श्री श्री का बचाव किया। वाम सांसद सीताराम येचुरी ने कहा, एक निजी संस्था के कार्यक्रम के लिए सेना को लगाया गया है, ये आपत्तिजनक है। इससे पहले जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने श्री श्री रविशंकर को पर्यावरण का उल्लंघन करते हुए ऑर्ट ऑफ लिविंग का कार्यक्रम करने की इजाजत देने का भारी विरोध किया। इसके बाद स्पीकर महोदय ने इस पर चर्चा शुरू करवा दी।

पर्यावरण के साथ-साथ सेना को लगाने पर भी विरोध

सबसे पहले कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सदन में सवाल खड़ा करते हुए कहा, मैं किसी आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम का विरोध नहीं करता लेकिन पर्यावरण संरक्षा को दरकिनार कर इस तरह के कार्यक्रम का आयेाजन गलत है। एनजीटी ने आपत्ति दर्ज कराई है। केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी क्यों नहीं ली गई। इस कार्यक्रम में जनरेटर चलेंगे, पार्किंग आदि होगी। क्या इससे पर्यावरण को खतरा नहीं होगा। इसका स्ट्रक्चर भी इजाजत के अनुरूप नहीं है। कांग्रेस ने सवाल पूछा कि आखिर सेना ने अस्थाई पुल क्यों बनाया है।

भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास: योगी आदित्यनाथ

भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने 11 से 13 मार्च तक यहां होने वाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव पर चल रहे विवाद को अनावश्यक बताते हुए इसे भारत की छवि बिगाड़ने की साजिश करार दिया है।आदित्यनाथ ने यहां संसद भवन परिसर में कहा कि कुंभ के दौरान करोड़ों लोग नदी किनारे रहते हैं लेकिन तब पर्यावरण का नुकसान नहीं होता है लेकिन तीन दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में यमुना के प्रदूषित होने की बात की जा रही है, यह विवाद अनावश्यक है, यह भारत की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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