अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में हालात बेकाबू, इस्लामाबाद सहित कई प्रांतों में सेना तैनात; हालात तनावपूर्ण
इस्लामाबाद। भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो रहे हैं। मंगलवार को हुई इमरान की गिरफ्तारी के एक दिन बाद बुधवार को भी पाकिस्तान के कई शहरों में हिंसा भड़की और हालात तनावपूर्ण रहे।
पिछले 24 घंटे के दौरान कई शहरों में इमरान खान के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में कम-से-कम आठ लोगों की मौत हो गई और लगभग 300 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पंजाब में 14 सरकारी भवनों और प्रतिष्ठानों में आग लगा दी। उन्होंने 21 पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
पंजाब, खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सेना तैनात
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थकों के साथ झड़प में 130 अधिकारी और सुरक्षा बलों के कर्मचारी घायल हो गए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब, खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सेना तैनात की गई है। राजधानी इस्लामाबाद में भी सेना को उतार दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने लाहौर में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आवास पर हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार, 500 से अधिक प्रदर्शनकारी बुधवार तड़के प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचे और वहां रखे वाहनों को फूंक दिया। आवासीय परिसर में उन्होंने पेट्रोल बम फेंका और पुलिस बूथ को आग के हवाले कर दिया।
इमरान समर्थक देशभर में कर रहे विरोध प्रदर्शन
इमरान की गिरफ्तारी से नाराज समर्थकों ने मंगलवार को सेना मुख्यालय पर धावा बोल दिया था। उन्होंने सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला करते हुए लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी थी। पीटीआइ ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का एलान किया।
डान अखबार ने बताया कि PTI नेतृत्व ने जनता से अपील की है कि वे ”बढ़ते फासीवाद” के खिलाफ सड़कों पर उतरें और समर्थकों को बताएं कि ”निर्णायक लड़ाई” का क्षण आ गया है। इमरान की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया। उनके समर्थकों ने लाठी-डंडों से लैस होकर पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय सहित सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।
वाशिंगटन में पाक दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इमरान खान की रिहाई की मांग की और यहां तक कि मुख्य न्यायाधीश और सेना के जनरलों के खिलाफ नारे भी लगाए।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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