Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अखिलेश यादव के ट्वीट पर सिद्धार्थ नाथ सिंह का पलटवार-आप किसानों के न कभी हमदर्द थे न हैं

Published

on

Loading

लखनऊ। “अखिलेश जी लखीमपुर में जो कुछ हुआ उससे आपसे ज्यादा दु:खी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं। वह पहले ही घटना को बेहद  दुखद और दुर्भाग्यशाली बता चुके हैं। इसके बाद इस बाबत आप द्वारा बहाये जा रहे आंसू घड़ियाली हैं। आप किसानों के न कभी हमदर्द थे न हैं। आपकी सारी मंशा किसानों की लाश पर राजनीति कर पूरे प्रदेश में अराजकता फैलाने की थी। यही आपकी पार्टी का मूल चरित्र और पहचान है।”

यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के जवाब में जारी एक बयान में कही।

सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि लखीमपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निष्पक्ष और तेजी से जांच के लिए मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है। यह भी निर्देश दिया है कि सरकार घटना की तह तक जाएगी। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में हर मृतक किसान के परिजनों को ₹45-45 लाख की सहायता राशि दिया। घायलों को 10 लाख और मृतक आश्रितों को सरकारी नॉकरी देने की घोषणा की है। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन के कारण अखिलेश की दाल नहीं गली। यही उनके दुख की वजह है।

देश तो तब दुखी हुआ था जब आपकी पार्टी ने वाराणसी बम धमाके में शमिल आतंकियों की पैरवी की थी। उस समय तो सपा लोगों के नजरों में ही गिर गई जब इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये तल्ख टिप्पणी की थी कि आज आप जिनकी पैरवी कर रहे हैं, क्या कल उनको पद्मश्री से भी नवाजेंगे। पर यह सब आपको याद नहीं होगा। न इस पर कभी शर्म किए होंगें। लखीमपुर जो कुछ हुआ उसके लिए मुख्यमंत्री दुख जता चुके हैं। किसानों की हर मांग मानी चुकी है। फिर आपके पेट में मरोड़ क्यों उठ रहा है। मालूम हो कि अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि उप्र किसानों की हत्याओं को लेकर शोकाकुल है, ये महोत्सव का समय नहीं है।

Continue Reading

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

Published

on

Loading

अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

Continue Reading

Trending