प्रादेशिक
कोविड प्रोटोकाल का पालन अवश्य करें, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन पर सम्पर्क करेंः अमित मोहन प्रसाद
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 7,94,14,622 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,47,886 सैम्पल की जांच की गयी है। जनपदों से कल प्रयोगशाला में आर0टी0पी0सी0आर0 जॉच के लिए 90,303 सैम्पल भेजे गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 21 नये मामले आये हैं। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 23 तथा अब तक कुल 16,86,844 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 153 एक्टिव मामले हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। कल 04 अक्टूबर 16,70,089 डोज लगाई गयीं। अब तक कुल 11,08,63,293 डोज लगायी जा चुकी है, जिसमें से 8,85,58,148 व्यक्तियों को पहली डोज तथा 2,23,05,145 व्यक्तियों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश 11 करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला पहला राज्य बन चुका है। उन्होंने बताया कि सर्विलांस टीम निरन्तर कार्य कर रही है।
अब तक 3,58,87,513 घरों का सर्विलांस किया जा चुका है। जिसमें रहने वालों की संख्या 17,25,08,376 है। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए सभी लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करे।
प्रसाद ने कहा कि बारिश का मौसम अभी भी चल रहा है जिसकी वजह से जगह-जगह जल भराव हो जाता है तथा जल-जनित/मच्छर जनित रोगों की सम्भावना अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि अपने आस-पास सफाई रखंे, मच्छरों से बचाव करें तथा अपने आस-पास पानी न जमा होने दें। जल-जनित बीमारियों से बचने के लिए साफ पानी का प्रयोग करें। सुरक्षा के उपाय अपनाकर कोविड तथा मच्छर जनित बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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