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जुर्म

नौ जून तक ईडी की हिरासत में भेजे गए सत्येंद्र जैन, केजरीवाल ने किया बचाव

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने नौ जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। हालांकि ईडी ने 14 दिन की हिरासत मांगी थी।

ईडी अब जैन से भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ करेगी। उन्हें सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। सतेंद्र जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेन-देन का आरोप है।

ईडी की तरफ से तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच पैसों का लेनदेन किया गया। ईडी ने कहा कि हमारे पास यह जानकारी भी है कि कैसे हवाला में पैसा लगाया गया और दिल्ली से कोलकाता पैसा कैसे भेजा गया। जिन फर्जी कंपनियों का सहारा लिया है, वह कोलकता से संबंधित हैं।

इससे पहले अप्रैल में भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी, जिसके बाद दिल्ली भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दिया और बर्खास्त करने की मांग की थी।

बचाव में उतरे केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मीडिया के सामने आकर सत्येंद्र जैन का बचाव किया और कहा कि हम (आम आदमी पार्टी) न ही भ्रष्टाचार बर्दाश्त करते हैं और न ही भ्रष्टाचार करते हैं। मैंने पूरे मामले की जानकारी खुद ली है। पूरा मामला फर्जी है।

हमारी सरकार एक कट्टर ईमानदार सरकार है। सत्येंद्र जैन को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। हमें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।

केजरीवाल ने कहा कि हमारी कट्टर ईमानदार सरकार है। हम एक पैसे का भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करते। पंजाब में हमने अपने ही मंत्री को गिरफ्तार कराया लेकिन सत्येंद्र जैन का केस बिल्कुल फर्जी है।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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