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नेशनल

बुलंदशहर हिंसा: शहीद इंस्पेक्टर के परिवार से मिले सीएम, 50 लाख रुपए की सहायता

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी के शक में फैली हिंसा भड़क गयी थी। जिसके बाद उग्र लोगों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया।

आपको बता दें, सीएम योगी ने शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान योगी ने सुबोध कुमार सिंह की वाइफ को 40 लाख रुपए व माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

इसके अलावा उन्होंने दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया। योगी ने परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।

महत्वपूर्ण सहायताएं – 

  • शहीद सुबोध के परिवार पर बकाया 30 लाख के होम लोन को चुकाने की व्यस्था सरकार करेगी|
  • परिवार को राज्य सरकार देगी असाधारण पेंशन|
  • परिवार के एक सदस्य को सरकार देगी नौकरी|
  • एटा के जैथरा कुरावली सड़क का नामकरण शहीद सुबोध सिंह के नाम पर|
  • शहीद सुबोध के बच्चो की सिविल सर्विस कोचिंग में सरकार देगी सहायता| ( शहीद के बेटे ने कहा था कि उसके पिता उसे आई पी एस बनाना चाहते थे , शहीद की इच्छा पूरी करने के लिए योगी सरकार सिविल सर्विसेज की कोचिंग के लिए उनके बच्चों की करेगी सहायता )

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।

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