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जुर्म

RRB-NTPC RESULT- किस बयान के चलते फसे खान सर, छात्रों ने ही किया खुलासा

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आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाकर बिहार में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार जारी है। पटना से शुरू हुआ यह आंदोलन इतना विकराल होगा ये किसी ने नहीं सोचा था। पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गया समेत कई जिलों में उग्र प्रदर्शन के साथ ट्रेनें रोकी गईं। कई ट्रेनों में आग लगा दी गई. इस पूरे मामले में पटना के खान सर समेत छह शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो गई।
आपको बता दें कि इस मामले में अब रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है कि प्रदर्शन में शामिल किसी भी छात्र को अब ज़िन्दगी भर रेलवे में नौकरी नहीं मिलेगी। छात्रों को प्रदर्शन के लिए उकसाने और हिंसा भड़काने के चलते खान सर मुसीबतों में घिर गए हैं। प्रदर्शन में हिरासत में लिए गए छात्रों ने ही खान सर पर आरोप लगाए।

इस पूरे मामले में खान सर ने कहा कि आरआरबी ने जो एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा ली, उसमें बोर्ड ने ग्रेजुएशन और इंटरमीडिएट दोनों के छात्रों को एक साथ बैठाया। दोनों के ही छात्रों को सिंगल प्रश्न पत्र दे दिया। जबकि कट ऑफ अलग-अलग रखा. ग्रेजुएशन वालों का कट ऑफ अलग था, जबकि इंटरमीडिएट वाले छात्रों का अलग. ऐसे में निश्चित रूप से ग्रेजुएशन वाले भारी पड़ेंगे। दोनों को एक साथ मिलाकर रिजल्ट देने में गड़बड़ी हुई है। इंटरमीडिएट वालों को 20 गुना पर रिजल्ट देने को कहा गया था। लेकिन 10 गुना पर ही रिजल्ट मिला।

खान सर ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह आई कि 24 जनवरी को जब राजेंद्र नगर टर्मिनल पर 500 के करीब एनटीपीसी के छात्र हंगामा कर रहे थे, तभी आरआरबी ने ग्रुप डी वालों के लिए तीन बजे ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया। एनटीपीसी के छात्र सोच रहे थे कि कुछ अच्छी सूचना मिलेगी। लेकिन आरआरबी की नोटिफिकेशन ने आग में घी डालने का काम किया। बोर्ड का नोटिफिकेशन ग्रुप डी वालों के लिए था। नोटिफिकेशन में बताया गया था कि ग्रुप-डी के अभ्यर्थियों का अब मेंस एग्जाम लिया जाएगा।

ऐसे में ग्रुप डी के सिंगल एग्जाम वाले जो डेढ़ करोड़ छात्र हैं, जो एनटीपीसी छात्रों का हंगामा मीडिया के माध्यम से देख रहे थे, वे लोग परीक्षा की बात से उग्र हो गए और एनटीपीसी के छात्रों के साथ शामिल हो गए। अब जो हंगामा हो रहा है उनमें ग्रुप डी के ज्यादा छात्र हैं। यह सारी गलती आरआरबी की है।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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