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अन्तर्राष्ट्रीय

दिल्ली से दुनिया भर में कहीं भी पहुंचेंगे सिर्फ एक घंटे में, जानिए कैसे

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आने वाले समय में प्लेन से सफर करना पुरानी बात हो जाएगी। दुनिया में कहीं भी पहुंचने के लिए लोग हवाई जहाज नहीं रॉकेट से सफर करेंगे। जी हां, आपने सही सुना, आने वाले 10 बरस के भीतर रॉकेट अंतरिक्ष ही नहीं धरती पर कहीं भी जल्द से जल्द पहुंचने के पसंदीदा साधन होंगे।

यह कहना था रॉकेट बनाने वाली कंपनी स्पेसएक्स की सीओओ ग्वेन शॉटवेल का। ग्वेन कनाडा के वेंकूवर शहर में टेड टॉक के दौरान बोल रही थीं। उन्होंने दावा किया कि उनकी कंपनी ऐसे रॉकेट बना रही है जो लोगों को दुनिया भर में कहीं भी 60 मिनट के अंदर पहुंचा देंगे। दिलचस्प बात यह है कि इनका किराया भी हवाई जहाज के इकॉनमी टिकट के बराबर ही रहने का अनुमान है।पिछले साल स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने ऐलान किया था कि उनकी कंपनी विशाल रॉकेट (BFR) बना रही है जो अंतरिक्ष के अलावा धरती पर होने वाले टा्रंसपोर्ट में क्रांतिकारी बदलाव ला देंगे। ये रॉकेट स्पेस रॉकेट की तरह खड़े-खड़े टेक ऑफ और लैंड करने में सक्षम होंगे। इनके लिए मुख्य शहरों के बाहर पानी में तैरते लॉन्च पैड बनाए जाएंगे।

                              स्पेसएक्स की सीओओ ग्वेन शॉटवेल का। ग्वेन कनाडा के वेंकूवर शहर में टेड टॉक के दौरान बोल रही थीं

 

ये रॉकेट दुनिया के लगभग सभी प्रमुख शहरों को जोड़ेंगे। इनके जरिए न्यूयॉर्क से टोक्यो तक की करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने में सिर्फ 30 मिनट लगेंगे। इसी तरह बैंकॉक से दुबई जाने में 27 मिनट लगेंगे, टोक्यो से दिल्ली तक का रास्ता भी सिर्फ 30 मिनट में पूरा होगा। फिलहाल दिल्ली से टोक्यो की हवाई उड़ान में 7 घंटे 50 मिनट लगते हैं।

ये रॉकेट 29 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर करेंगे। इसके लिए ये पहले धरती के वायुमंडल से बाहर अंतरिक्ष में जाएंगे। वायुमंडल न होने से ही उन्हें इतनी स्पीड से उड़ने में कोई रुकावट नहीं आती। स्पेसएक्स की जानकारी के मुताबिक इस तरह की उड़ानों में लगभग 100 यात्री रॉकेट में सवार हो सकेंगे।

हालांकि इससे पहले स्पेसएक्स मंगल ग्रह पर पहली इंसानी यात्रा की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 2024 का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल मंगल तक पहुँचने में 128 से 333 दिन तक लगते हैं लेकिन स्पेसएक्स के संस्थापक का दावा है कि उनके हाई स्पीड रॉकेट इस दूरी को महज 80 दिन में पूरा कर सकते हैं। गौरतलब है कि धरती से मंगल तक की दूरी 5.4 करोड किलोमीटर है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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