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फिर घिरी मोदी सरकार, राफेल पर अंग्रेजी अखबार के खुलासे से राजनीति जगत में आया भूचाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले राफेल डील का मुद्दा एक बार फिर गर्माता दिख रहा है। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के खुलासा ने भारतीय राजनीति में खलबली मचा दी है।
द हिंदू अखबार के खुलासे के मुताबिक फ्रांस सरकार के साथ राफेल डील को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से की जा रही डील के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दखल का फायदा फ्रांस को मिला था।
पीएमओ की इस दखल का रक्षा मंत्रालय ने विरोध भी किया था। यह रिपोर्ट आने के बाद अब कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।
अंग्रेजी अखबार मुताबिक 7.87 बिलियन डॉलर के विवादित राफेल डील पर दोनों देशों की ओर से शीर्ष स्तर पर हो रही बातचीत में पीएमओ के ‘सामानांतर दखल’ का भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जमकर विरोध किया था।
पीएमओ के ‘सामानांतर दखल’ के कारण रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की टीम सौदे को लेकर बातचीत कमजोर पड़ गई। 24 नवंबर, 2015 को इसे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के संज्ञान में लाया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर नए खुलासे के बाद फिर से मोदी सरकार पर हमला किया और अंग्रेजी अखबार का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे का विरोध किया था।
राहुल ने कहा कि पीएम ने सीधे तौर पर डील में हस्तक्षेप किया था। मोदी ने भारतीय वायुसेना के 30 हजार करोड़ का नुकसान कराया। पीएम ने चोरी कर पैसे अनिल अंबानी को दिए। उन्होंने एचएएल की जगह अनिल अंबानी की कंपनी को डील दिलवाई।
उन्होंने आगे कहा कि ये साबित हो गया कि चौकीदार चोर है। डील पर प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठ बोला था। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने झूठ बोला। ये रक्षा मंत्रालय और कॉरपोरेट के बीच की लड़ाई है।
पिछले दिनों पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के दौरान राफेल डील पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह उनसे मिले थे, लेकिन राफेल पर उनसे कोई बातचीत नहीं हुई थी।
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इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल
इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्यता लेंगे।
इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”
इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।
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