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पुलवामा आतंकी हमलाः जूस बेचकर पिता ने बनाया था CRPF जवान, आतंकियों ने ले ली जान

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए। गुरूवार दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट पर आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में हुए शहीदों में बिहार के रहने वाले जवान रतन ठाकुर भी थे। रतन की शहादत की खबर मिलते ही उनके घर में मातम छा गया।

पिता निरंजन ठाकुर फूट-फूटकर कर रोने लगे। उन्होंने कहा, ‘मेरा एक ही बेटा था जिसे मैंने बहुत जतन-रतन से पाला था। बेटे को पढ़ाने के लिए मैंने मजदूरी की। सड़कों पर जूस बेचा। ठेले लगाकर कपड़े बेचे। लेकिन अब सब ख़त्म हो गया है। आतंकियों ने मेरे बेटे को मार दिया।’

उन्होंने बताया कि रतन पढ़ने में अच्छा था। साल 2011 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हुआ। सीआरपीएफ में उसकी पहली पोस्टिंग गढ़वा में हुई थी।

उसकी नौकरी लगने के बाद हमारी गरीबी दूर हो रही थी। धीरे-धीरे सब सही हो रहा था पर उसके शहीद होने के बाद अब हम किसके सहारे जीएंगे। शहीद रतन की पत्नी राजनंदनी ने बताया कि रतन का दोपहर डेढ़ बजे फोन आया था। उन्होंने कहा कि श्रीनगर जा रहे हैं। रात में बात करेंगे। मैंने उनके फोन का इंतजार करती रही।

इस बीच खबर मिली की पुलवामा में आतंकियों ने हमला कर दिया है। जब हमने टीवी देखा तो हमले का पता लगा। फिर थोड़ी ही देर बार उनके ऑफिस से फोन आया और रतन के शहीद होने की खबर मिली।

पिता निरंजन ने बताया कि रतन की पत्नी गर्भवती है। फोन पर बात होने पर उसने होली पर घर आने की बात कही थी। उसका एक चार साल का बेटा कृष्णा ठाकुर है। जिसे उसके पिता के शहीद होने की खबर तक नहीं है।

 

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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