उत्तराखंड
सामने आई सिलक्यारा हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट, NHIDCL ने भी नहीं दी थी काम की मंजूरी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में सुरंग में हुए हादसे की घटना की कई वजहें बताई गई है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि शीयर जोन के हिसाब से परियोजना का गलत अलाइनमेंट करना तथा हादसों की पिछली घटनाओं से सबक लिए बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी के साथ प्रोजेक्ट की री-प्रोफाइलिंग करना शामिल है।
इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया गया है कि निर्माण कंपनी को NHIDCL के नियुक्त प्राधिकारी इंजीनियर की ओर से काम करने की पद्धति की मंजूरी नहीं मिली थी। NHIDCL के अधिकारियों और इसके इंजीनियरों की ओर से आवश्यक सुपरविजन में कमी को भी उजागर किया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट से ही NHIDCL के स्थानीय अधिकारियों और निर्माण कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। NHIDCL और निर्माण कंपनी के अधिकारी इस मामले में कुछ भी आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।
दरअसल दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से आठ सदस्य उच्च स्तरीय विशेष जांच टीम सिलक्यारा पहुंची थी। चार दिनों तक इस टीम ने सिलक्यारा में गहनता से जांच की । 15 दिसंबर को यह टीम वापस लौटी। इस टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट गत शुक्रवार को सड़क परिवहन मंत्रालय को सौंपी है।
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में सिलक्यारा सुरंग में सेंसर और उपकरणों की कमी की ओर भी इशारा किया गया है, जो री-प्रोफाइलिंग काम के दौरान जमीनी व्यवहार को पकड़ते हैं, ताकि जरूरी सावधानी बरती जा सके।
शीयर जोन चट्टान का संवेदनशील हिस्सा होता है जिसमें कमजोर और पतली चट्टानें होती है। शीयर जोन में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार सुरंग परियोजना में फाइनल लाइनिंग से पहले कैविटी और किसी भी तरह की विकृति जैसी विसंगतियों की मरम्मत के लिए री-प्रोफाइलिंग की जाती है।
सिलक्यारा टनल के मामले में, री-प्रोफाइलिंग की जरूरत थी, क्योंकि खुदाई के तुरंत बाद यहां प्रॉपर सपोर्ट सिस्टम प्रदान नहीं किया गया था। निर्माण कंपनी ने शीयर जोन क्षेत्र को बिना प्रॉपर सपोर्ट के छोड़ दिया था और सुरंग की आगे की खुदाई की थी। गौरतलब है कि बीते 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ। जिसके चलते 41 श्रमिक श्रमिक 17 दिनों तक सुरंग के अंदर फंसे रहे।
उत्तराखंड
10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण
नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।
रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।
रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
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