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प्रादेशिक

ये सभी प्रधानमंत्री मोदी के दीवाने हैं आखिर क्यों?

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बिहार में पश्चिमी चंपारण जिले की हरपुर गढ़वा पंचायत के गद्धि टोला की रहने वाली रुखसाना (52 वर्ष) के जीवन का एक ही सपना था कि उसका अपना घर हो। सरकार ने उसका यह सपना पूरा कर दिया, आज उसके पास एक घर है। रुखसाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रगुजार है कि उनके शासनकाल में उसका यह सपना पूरा हो गया।

पश्चिमी चंपाारण जिला मुख्यालय बेतिया से करीब 25 किलोमीटर दूर मंझौलिया प्रखंड के हरपुर गढ़वा पंचायत में केवल रुखसाना ही नहीं, बल्कि ऐसे 300 से ज्यादा अल्पसंख्यक परिवार के लोग हैं, जो आज मोदी के मुरीद हैं। वे कहते हैं, “आजादी के बाद से हमलोग बेघर थे, लेकिन आज मोदी सरकार की देन है कि हमारा अपना आशियाना हो चुका है।”

गद्धि टोला के रहने वाले अली अनवर को लगता है कि राजनीति के तहत विपक्ष अल्पसंख्यकों को प्रधानमंत्री और भाजपा के नाम पर बेवजह भड़का रहा है। रामनवमी के बहाने कराए गए हाल के सांप्रदायिक दंगों और केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी को अली भूल चुके हैं। वे कहते हैं कि अगर किसी को मोदी सरकार का ‘सबका साथ-सबका विकास’ देखना हो तो विपक्षी नेताओं को यहां आना चाहिए।

अली कहते हैं, “आज इस मुस्लिम बहुल पंचायत में प्रत्येक टोले में गरीबों का आशियाना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहा है। जिनके पास खाने को कुछ नहीं था, आज उनको ये पक्का मकान नसीब हो रहा है और ये सभी मुसलमान हैं। सरकार ने तो कहीं भेदभाव नहीं किया, बल्कि हम गरीबों को आज तक घर नहीं मिला था, सो मिल गया।”

पंचायत की बुजुर्ग महिला अफसाना बेगम कहती हैं, “प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर हमें डराया जाता है, क्योंकि हम मुसलमान हैं। लोग नफरत फैलाते हैं, लेकिन जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें आकर हमारी पंचायत को देखना चाहिए।”

यहां के ग्रामीण कहते हैं, “देश के ही कुछ लोग हमें प्रधानमंत्री के नाम से डराते हैं और नफरत फैलाते हैं। उन्हें आज यहां आकर देखना चाहिए कि मोदी की हकीकत क्या है। उनकी एक योजना से हम मुसलमानों की हालत कितनी बदल गई है।”

बुर्के में चेहरा छिपाए हरपुर गढ़वा की महिला मुखिया साजदा तबस्सुम बताती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत यहां 350 आवास बनाए जा रहे हैं, जिसमें से 300 आवास योजना का लाभ सिर्फ मुसलमानों को दिया गया है।

तबस्सुम कहती हैं, “योजना को लेकर कहीं कोई भेदभाव नहीं है। जिनके पास खाने को नहीं था आज उनको ये पक्का मकान नसीब हो रहा है।”

वे कहती हैं, “मोदी जी में देश बदलने का जज्बा दिखाई दिया है। आप खुद सोचिए न कि आज तक यहां के लोग झोपड़ी में रहते थे। पहले की सरकारों ने क्या किया था? यह पूरी तरह से मुस्लिमों का इलाका है और सभी के सभी प्रधानमंत्री के दीवाने हैं।”

मुखिया तबस्सुम यहीं नहीं रुकतीं, वे कहती हैं कि यह गांव न केवल सबका साथ-सबका विकास का उदाहरण है, बल्कि सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द का भी उदाहरण है। बहरहाल, इस क्षेत्र में चर्चा है कि विकास बिना भेदभाव के धरातल पर पहुचेंगे तो निस्संदेह विकास पहुंचाने वाली सरकार की जनता दीवानी होगी ही।

आईएएनएस

प्रादेशिक

बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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