Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

काम आया पीएम मोदी का गुरु मंत्र, सरकारी कंपनियों ने दिया छप्परफाड़ रिटर्न; 24 लाख करोड़ का फायदा

Published

on

PM Modi's guru mantra worked, government companies give huge returns; profit of 24 lakh crores

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 10 अगस्त को इन्वेस्टर्स को निवेश का एक मंत्र दिया था। संसद में दिए गए एक भाषण में उन्होंने निवेशकों को सरकारी कंपनियों पर दांव लगाने का सुझाव दिया था। मोदी के इस भाषण के बाद से कम से कम 22 सरकारी कंपनियों ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

पिछले छह महीने में इन शेयरों की कीमत में 100% से ज्यादा तेजी आई है। इस दौरान 56 शेयरों वाले बीएसई पीएसयू इंडेक्स की मार्केट वैल्यू 66% तेजी के साथ 59.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है। इस दौरान निवेशकों को 23.7 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।

दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री के भाषण के बाद से किसी भी सरकारी कंपनी ने पिछले छह महीने में निगेटिव रिटर्न नहीं दिया है। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला एसबीआई का शेयर भी इस दौरान 12 परसेंट उछला है जबकि एनबीसीसी के शेयरों में सबसे ज्यादा 249% तेजी आई है।

इस दौरान IRFC के शेयरों में 225% तेजी आई है। इसके अलावा हुडको, आईटीआई, एसजेवीएन, कोचीन शिपयार्ड, एमएमटीसी, बीएचईएल, आरईसी, मेंगलौर रिफाइनरी, आरवीएनएल, पीएफएस, एनएमडीसी, एनएलसी इंडिया, इरकॉन, द न्यू इंडिया एश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इडिया और यूको बैंक ने भी इस दौरान निवेशकों का पैसा डबल किया है।

क्या कहा था मोदी ने

अगर पिछले एक साल की बात करें तो इस दौरान 35 सरकारी कंपनियों ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इस दौरान IRFC ने सबसे ज्यादा चार गुना रिटर्न दिया है। इस स्टडी में केवल उन्हीं स्टॉक्स को शामिल किया गया है जो बीएसई पीएसयू इंडेक्स में शामिल हैं।

मोदी ने पिछले साल लोकसभा में उनकी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था, ‘शेयर मार्केट में रुचि रखने वाले को यह गुरु मंत्र है कि जिन सरकारी कंपनियों को ये लोग (विपक्ष) गाली दें, आप उसपे दाव लगा दीजिए। सब अच्छा ही होने वाला है।’ मोदी ने खासकर LIC और HAL की बात कही थी। पिछले छह महीने में LIC के शेयरों में 56% और HAL के शेयरों में 55% तेजी आई है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending