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उत्तराखंड

पहाड़ी गांवों में थमने लगा है पलायन, लघु उद्योग बन रहे कमाई का ज़रिया

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उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों में पिछले एक वर्ष से स्वयं सहायता समूहों और सरकारी मदद से शुरू किए गए लघु उद्योग तेज़ी से बढ़े हैं। चमोली ज़िले में ग्रामीणों की मदद से स्थानीय उत्पादों से बिस्कुट बनाने व ऋषिकेश से लेकर बद्रीनाथ तक गांवों में महिलाओं के बीच ऑर्गेनिक प्रसाद बनाने की योजनाएं रंग ला रही हैं।

उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत गाँव घेस में मटर की जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां मटर की पहली कटाई में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद इस गांव में आए थे। आज इस क्षेत्र के किसान राज्य में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में मटर का अच्छा व्यापार कर रहे हैं। मटर की खेती की मदद से चमोली के किसानों की आमदनी में पिछले वर्ष की तुलना में पांच से आठ गुना तक बढ़ोतरी हुई है।

पहाड़ी गांवों के काम कर रहे महिला स्वयं सहायता समूह बना रहे ऑर्गेनिक प्रसाद, बढ़ा रहे आमदनी।

हाल ही में उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय में सुधार लाने के लिए उत्तराखंड सरकार की मदद से शुरू किए गए कुछ स्वरोजगार कार्यक्रमों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ाई की है। प्रधानमंत्री ने अपने ‘ मन की बात ‘ कार्यक्रम में उत्तराखंड में चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं की जम कर तारीफ की है।

इस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के प्रेरणा से भरे शब्द निश्चित रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों का मनोबल बढ़ाएंगे और पलायन रोकने में कारगर साबित होंगे। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा में ठोस कार्य योजना लागू की है।”

महिला किसानों को मिल रहा आगे बढ़ने का मौका। ( फोटो – विजय पांडे / फ्लिकर)

मौजूदा समय में उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले में स्थानीय उत्पादों से बिस्कुट तैयार करने की योजना चलाई जा रही है। इसके साथ-साथ बद्रीनाथ धाम में इस तरह का प्रयोग शुरू किया गया है। इसमें महिला स्वयं सहायता समूह की मदद से मंडुआ, कुट्टू, चैलाई से मंदिर का प्रसाद तैयार किया जा रहा है।

” महिला समूहों में चल रहे ऑर्गेनिक प्रसाद बनाने के प्रयास में पिछले सीजन में 19 लाख रुपए का प्रसाद बेचा गया। इससे प्रत्येक महिला सदस्य को 30 हज़ार की आय प्राप्त हुई। इस देवभूमि भोग योजना को राज्य के 625 मंदिरों में लागू किया जा रहा है।”  सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया।

ऑर्गेनिक प्रसाद बनाने के प्रयास में पिछले सीजन में प्रत्येक महिला सदस्य को 30 हज़ार की आय प्राप्त हुई। ( फोटो – गूगल इमेज)

हाल ही में देवभूमि डायलाॅग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के 19 युवाओं को सम्मानित किया, जिसमें मशरूम की उन्नत खेती करने से लेकर मंडुए की बर्फी बनाने वाले सकलानी बंधु भी शामिल थे।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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