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अन्तर्राष्ट्रीय

सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ साझा चुनौतियों पर चर्चा की

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इस्लामाबाद| सऊदी अरब और पाकिस्तान ने ‘साझा चुनौतियों’ से निपटने पर चर्चा की। यह चर्चा सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबेर और पाकिस्तान के नेताओं के साथ हुई। अदेल ने पाकिस्तान की एक दिवसीय यात्रा के दौरान यहां के अधिकारियों से बातचीत की। वह गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से मिले। उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से भी चर्चा की।

अदेल ने कहा कि दोनों देशों ने ‘रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने और हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के विक्लपों’ पर चर्चा की। ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ की ओर से जारी बयान के अनुसार, अदेल ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख से मुलाकात के दौरान ‘क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति’ पर चर्चा की।  प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अदेल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मिले और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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