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भरपेट जंकफूड और जीरो कसरत  : शराबियों की तरह सूज रहे हैं बच्चों के लिवर

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हाल ही में दिल्ली के स्कूलों में हुए एक सर्वे में पता चला है बच्चों के लिवर बुरी हालत में हैं। उनके लिवर में ठीक उसी तरह की सूजन आ गई है जैसे ज्यादा शराब पीने के बाद आती है। इसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज (एनएएफएलडी) कहते हैं। इसकी मुख्य वजह है कि बच्चे बहुत ज्यादा जंक या फास्ट फूड खा रहे हैं और लगभग ना के बराबर कसरत कर रहे हैं।

लिवर सिरोसिस का है खतरा

इस बीमारी में बहुत अधिक फैट जमा हो जाने से लिवर में सूजन आ जाती है। बाद में लिवर पर घाव हो जाते हैं जो अंततः लिवर सिरोसिस में बदल जाते हैं, इसका आखिरी परिणाम लीवर का फेल होना है। यह ठीक उसी तरह है जैसे बहुत अधिक शराब पीने पर लीवर फेल होता है।

खान-पान और खराब जीवनशैली है जिम्मेदार

इसकी मुख्य वजह है कि बच्चे बहुत ज्यादा जंक या फास्ट फूड खा रहे हैं

डॉक्टरों के मुताबिक, यह लाइफस्टाइल डिजीज या खराब जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है। इसलिए इसका इलाज भी जीवनशैली को सुधार कर ही किया जा सकता है। अगर रोग की शुरूआत में ही खान-पान की आदतों में बदलाव किया जाए तो लिवर फिर से स्वस्थ हो सकता है। लेकिन सिवा पेट दर्द के इसका कोई और लक्षण नहीं है इसलिए रोग की जानकारी समय रहते नहीं हो पाती।

दुबले-पतले बच्चे भी बीमारी से ग्रस्त

इस स्टडी की खास बात यह थी कि जरूरी नहीं कि सिर्फ मोटे या ओवरवेट बच्चों में यह बीमारी देखी गई। पतले-दुबले बच्चे भी इसी बीमारी से ग्रस्त थे। इसके पीछे वजह यह थी कि वे बहुत ज्यादा जंक फूड खा रहे थे और चीनी से भरपूर ड्रिंक्स पी रहे थे वहीँ उनकी खेल-कूद या कसरत जैसी शारीरिक गतिविधियां लगभग ना के बराबर थीं।

घर का खाना और कसरत इसका सटीक इलाज

इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को घर का बना संतुलित आहार ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए

अहम बात यह है कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए दवाएं और सर्जरी की जगह जीवनशैली में बदलाव ज्यादा कारगर होता है। इसलिए विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे कि इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को घर का बना संतुलित आहार ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए साथ ही खेल-कूद और कसरत जैसी शारीरिक गतिविधियों में समय बिताना चाहिए।

बच्चों को खेल-कूद और कसरत जैसी शारीरिक गतिविधियों में समय बिताना चाहिए

अपोलो हॉस्पिटल ने की थी स्टडी

यह अध्ययन 2016 में दिल्ली के एम्स अस्पताल की डॉक्टर वंदना जैन की अगुआई में अपोलो हॉस्पिटल ने किया था। इसमें दिल्ली के 13 प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 5 से 10 बरस के 961 बच्चों को शामिल किया गया था। इनमें से सामान्य वजन के 22 पर्सेंट बच्चों में एनएएफएलडी देखा गया। 45.6 पर्सेंट ओवरवेट बच्चों में यह बीमारी पाई गई। करीब 62.5 पर्सेंट मोटे बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त थे।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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