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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की परमाणु क्षमता को लेकर पाकिस्तान चिंतित

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भारत की परमाणु क्षमता, पाकिस्तान चिंतित, जल थल और आकाश से परमाणु हथियार इस्तेमाल की क्षमता

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भारत की परमाणु क्षमता, पाकिस्तान चिंतित, जल थल और आकाश से परमाणु हथियार इस्तेमाल की क्षमता

इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक दैनिक ने कहा है कि पाकिस्तान की अभी की सबसे बड़ी चिंता यह है कि ‘भारत जल्द ही अत्यधिक प्रशंसित परमाणु त्रय’ हासिल कर लेगा।’ यानी, भारत जल्द ही जल, थल और आकाश से परमाणु हथियार इस्तेमाल की क्षमता हासिल कर लेगा। दैनिक ने कहा है कि इस स्तर तक पहुंच हासिल करने की दिशा में पाकिस्तान अभी कहीं नहीं है। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने अपने संपादकीय ‘द एनसीए मीटिंग’ में कहा है कि पाकिस्तान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के तीन हिस्से हैं। पहला, पाकिस्तान परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा भारत के मामले में प्रतिरोधक के रूप में रखना चाहता है। दूसरा, वह अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु करार करना चाहता है ताकि परमाणु ईंधन और प्रौद्योगिकी हासिल कर सके। इसके अलावा, वह दुनिया को यह विश्वास दिलाना चाहता है कि परमाणु सुरक्षा की कमान एवं नियंत्रण उसी के पास है, यानी प्रौद्योगिकी गलत हाथों में नहीं गई है।

परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा भारत के मामले में प्रतिरोधक के रूप में रखना चाहता है पाकिस्तान

‘नेशनल कमांड अथॉरिटी’ (एनसीए) ने बुधवार को हुई बैठक में सभी तीन मोर्चो पर कुछ प्रगति करने की कोशिश की। अखबार ने लिखा है, “परमाणु हथियारों के जखीरे को प्रतिरोधक के रूप में इस्तेमाल के संदर्भ में हमारी सबसे बड़ी चिंता अब यह है कि भारत जल्द ही जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता हासिल कर लेगा। अखबार ने कहा है, “चूंकि पाकिस्तान इस स्तर तक पहुंच बनाने में अभी कहीं नहीं है, इसलिए एनसीए ने तय किया है कि वह भारत के साथ ‘स्ट्रेटेजिक रिस्ट्रैंट रिजीम’ यानी रणनीतिक अंकुश व्यवस्था की बात दोहराएगा।” संपादकीय में कहा गया है कि इसका प्रभाव यह पड़ेगा कि परमाणु हथियारों की होड़ कम होगी। यह अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के साथ पाकिस्तान के असैनिक परमाणु समझौता की राह आसान करने वाला होगा।

अखबार ने लिखा है, “यही कारण है कि भारत ने ‘स्ट्रेटेजिक रिस्ट्रैंट रिजीम’ का कठोरतापूर्वक विरोध किया है। भारत चाहता है कि वह एकमात्र ऐसा देश बना रहे जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर अभी हस्ताक्षर नहीं किया है और इसके बावजूद अमेरिका ने जिससे असैन्य परमाणु समझौता किया है। जब हम इसके लिए अपने इरादे प्रदर्शित करेंगे तो भारत इस बात से चिंतित होगा कि इसके परिणामस्वरूप उसी तरह का करार हम लोगों के साथ भी हो सकता है।” संपादकीय में कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान के खिलाफ लॉबिंग कर रहा है। इसकी कोई संभावना नहीं है कि जो दर्जा हमारे पड़ोसी (भारत) के पास अभी है, वह हमें दिया जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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