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अब मुफ्त में नहीं मिलेगा ट्विटर का ब्लू टिक, देने होंगे इतने पैसे

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Elon Musk

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नई दिल्ली। ट्विटर (Twitter ) के नए बॉस एलन मस्क ने एलान कर दिया है कि जल्द ही कंपनी में छंटनी का दौर शुरू होगा और कई लोगों की नौकरी जाएगी। इसके अलावा भी एलन मस्क ट्विटर में कई बदलाव करने वाले हैं।

वहीं ट्विटर के अधिकारियों की मानें, तो कंपनी मौजूदा वक्त में नए ब्लू सब्सक्रिप्शन का चार्ज 20 डॉलर प्रतिमाह करने जा रही है। मौजूदा वक्त में ट्विटर की तरफ से वेरिफिकेशन के 90 दिनों के भीतर यूजर्स को सब्सक्रिप्शन मॉडल पर आना होता है वरना उनका ब्लू टिक हट जाता है। कर्मचारियों को इस काम को पूरा करने के लिए 7 नवंबर तक का वक्त दिया गया है।

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हालांकि ब्लू टिक के लिए 20 डॉलर चार्ज करने का नियम भारत जैसे देशों में लागू हो गया नहीं फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर की तरफ से वेरिफिकेशन के लिए चार्ज वसूलने की प्लानिंग कर रही है। हालांकि ट्विटर प्रवक्ता की तरफ से इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

बता दें कि ट्विटर का मालिक बनते ही दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने बड़ा एक्शन लिया। कंपनी का मालिकाना हक मिलते ही मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल समेत कई शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। मस्क ने ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों पर उन्हें गुमराह करने के आरोप भी लगाए।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पराग अग्रवाल के अलावा कानूनी, नीति और ट्रस्ट के प्रमुख विजया गड्डे, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल सहित अन्य कुछ शीर्ष अधिकारी को कंपनी से निकाल दिया गया।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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