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निहंग सिख करते थे किसान आंदोलन मंच का संबोधन, किसान मोर्चा ने झाड़ा पल्ला

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भले ही निहंगों से दूरी बना ली हो, जिन्होंने शुक्रवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास कुंडली में खेत विरोध स्थल पर एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, लेकिन अब यह सामने आया है कि मार्शल सिख आदेश के सदस्यों सिंघू में मंच से कई बार किसानों को संबोधित किया।

किसान मोर्चा ने कहा नहीं है निहंगों और मृतक से कोई संबंध

पिछले लगभग 11 महीनों से दिल्ली सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे पंजाब एसकेएम ने शुक्रवार को दावा किया था कि आदमी की हत्या “निहंग का आंतरिक मामला” था। और उसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। एसकेएम ने जोर दिया था, ‘किसान आंदोलन किसानों के अधिकारों के लिए है और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है।’

Also Read-सिंघु बॉर्डर हत्या मामले में दो निहंगों ने किया सरेंडर, माला पहन पहुंचे थाने

कीर्ति किसान संघ के महासचिव राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने शनिवार को किसान संघों से आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘हां, हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि वे (निहंग सिख) सिंघू मंच पर आते थे। यह कोई रेगुलर फीचर नहीं था, लेकिन हां, उन्होंने ऐसा 2-3 बार किया। छोटे मुद्दों पर उनके द्वारा पूर्व में हिंसा की चार घटनाएं हुई थीं और हमारे सदस्यों ने नियमित रूप से उनसे विरोध स्थल छोड़ने का अनुरोध किया था। हालाँकि, हम इस तथ्य को भी स्वीकार करते हैं कि हम भी इस मुद्दे पर उदार हो गए। अब समय आ गया है कि हम इस मुद्दे पर कुछ आत्मनिरीक्षण करें क्योंकि धर्म का किसानों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।’

नेशनल

अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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