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भारी चालान भरने से बचने के जान लें ये उपाय, फायदे में रहेंगे हमेशा

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नई दिल्ली। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 1 सिंतबर से कुछ राज्यों को छोड़कर लागू होने के बाद देश के कई हिस्सों से ताबड़तोड़ चालान कटने की बात सामने आ रही है।

रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर ताबड़तोड़ चालान काटा जा रहा है।

हालांकि अगर आप ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर तुरंत आरसी, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग डीएल और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं, तो यह जुर्म नहीं है। नए ट्रैफिक रूल में इससे लिए भी प्रावधान है।

सेंट्रल मोटर व्हीकल के नए नियम के मुताबिक नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।

ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर चालक 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को दिखाने का दावा करता है, तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी वाहन का चालान नहीं काटेंगे। इसके बाद चालक को 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को संबंधित ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को दिखाना होगा।

मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है। इसके अलावा ट्रैफिक कानून के जानकार लॉ प्रोफेसर डॉ राजेश दुबे का कहना है कि अगर ट्रैफिक पुलिस आरसी, डीएल, इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है, तो चालक के पास कोर्ट में इसको खारिज कराने का विकल्प रहता है।

सीनियर एडवोकेट गर्ग का कहना है कि अगर ट्रैफिक पुलिस गैर कानूनी तरीके चालान काटती है, तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता है कि चालक को चालान भरना ही पड़ेगा।

ट्रैफिक पुलिस का चालान कोई कोर्ट का आदेश नहीं हैं। इसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर कोर्ट को लगता है कि चालक के पास सभी दस्तावेज हैं और उसको इन दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया, तो वह जुर्माना माफ कर सकता है।

एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि चालान में एक विटनेस के साइन होना भी जरूरी है। कोर्ट में मामले के समरी ट्रायल के दौरान ट्रैफिक पुलिस को विटनेस पेश करना होता है।

अगर पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है, तो कोर्ट चालान माफ कर सकती है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है और इसका फायदा चालक को मिलता है।

 

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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