Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार: सैन्य सरकार का अमानवीय कृत्य, लोकतंत्र समर्थक चार लोगों को फांसी

Published

on

Loading

नाएप्यीडॉ। म्यांमार सरकार की सैन्य सरकार ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पूर्व सांसद, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों को फांसी दे दी है। पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के बाद हुई हिंसा के मामले में यह कार्रवाई हुई है। म्यांमार में पिछले पांच दशक में पहली बार किसी को फांसी दी गई है।

सरकारी समाचार पत्र ‘मिरर डेली’ में इस फांसी के संबंध में जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों के तहत हत्या करने के कृत्यों में अमानवीय सहयोग और हिंसा करने व उसका आदेश देने के लिए चारों को फांसी की सजा दी गई। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि फांसी कब दी गई।

‘डर के जरिए लोगों पर शासन करने का प्रयास’

सैन्य सरकार ने इस खबर की पुष्टि करते हुए संक्षिप्त बयान जारी किया, लेकिन जिस जेल में कैदियों को रखा गया था, उसने और जेल विभाग ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

वहीं, ‘राष्ट्रीय एकता सरकार’ के मानवाधिकार मंत्री आंग मायो मिन ने इन आरोपों को खारिज किया कि ये लोग हिंसा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उन्हें मौत की सजा देना डर के जरिए लोगों पर शासन करने का प्रयास है।

जिन लोगों को फांसी दी गई है, उनमें अपदस्थ नेता आंग सान सू ची की सरकार के पूर्व सांसद फ्यो जेया थो भी शामिल थे, जिन्हें माउंग क्वान के नाम से जाना जाता था। उन्हें विस्फोट, बमबारी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे मामलों में जनवरी में दोषी ठहराया गया था।

क्वान की पत्नी थाजिन न्युंत ओंग ने कहा कि उन्हें उनके पति को फांसी दिए जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं खुद इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रही हूं।

इन आरोपों के तहत हुई थी गिरफ्तारी

41 वर्षीय क्वान को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। वह 2007 में ‘जनरेशन वेव’ राजनीतिक आंदोलन का सदस्य बनने से पहले हिप-हॉप संगीतकार भी रहे थे। उन्हें 2008 में भी एक पूर्व सैन्य सरकार के दौरान विदेशी मुद्रा और अवैध संबंध रखने के आरोप में जेल भेज दिया गया था।

क्वान के अलावा आतंकवाद निरोधी कानून के उल्लंघन के मामले में लोकतंत्र समर्थक 53 वर्षीय क्वाव मिन यू को भी फांसी दी गई। क्वाव मिन यू को जिम्मी के नाम से भी जाना जाता था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था।

इनके अलावा, सेना की मुखबिर होने के संदेह में मार्च 2021 में एक महिला का उत्पीड़न और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए ह्ला म्यो ओंग और ओंग थुरा जो को भी फांसी दी गई।

एशिया में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ की कार्यवाहक निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा कि चारों के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई घोर अन्यायपूर्ण और राजनीति से प्रेरित सैन्य कार्रवाई है। मानवाधिकार संबंधी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ थॉमस एंड्रयू ने इस मामले के खिलाफ कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया दिए जाने की अपील की है।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending