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मुलायम सिंह यादव पद्मविभूषण से विभूषित, सैफई में खुशी की लहर

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Mulayam Singh Yadav decorated with Padma Vibhushan

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री एवं देश के रक्षामंत्री रह चुके समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण सम्मान मिलने पर उनके गांव सैफई में खुशी की लहर है। पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा कि वे इसके हकदार थे। उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में बिता दिया।

मुलायम सिंह के भतीजे व जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव ने कहा कि नेता जी को सम्मान मिलना परिवार के लिए गौरव की बात है। सैफई के प्रधान रामफल बाल्मीकि का कहना है कि नेता जी का जीवन गरीबों की भलाई में ही बीता है, उन्हें जितना सम्मान दिया जाए उतना ही कम है। सैफई गांव के निवासी संतोष शाक्य ने कहा कि मुलायम सिंह ने हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम किया।

मुलायम के राजनीतिक योगदान को मिला दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान

समाजवादी पार्टी के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत उनके राजनीतिक व सामाजिक योगदान को बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है। उन्हें केंद्र सरकार पद्म विभूषण सम्मान देने जा रही है। यह सम्मान उनके 15 वर्ष की आयु से लेकर पूरी उम्र सामाजिक न्याय के खातिर किए गए संघर्ष के लिए मिलने जा रहा है।

राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गज समाजवादी नेताओं के साथ काम करने वाले मुलायम सिंह यादव ने सांप्रदायिकता के खिलाफ जंग में एक लकीर खींची थी। मुलायम सिंह का जन्म 22 नवंबर, 1939 को इटावा में हुआ था। डा. राममनोहर लोहिया से प्रभावित होकर मुलायम 1950 के समाजवादी आंदोलन में कूद पड़े थे। यह आंदोलन किसानों के हक के लिए चलाया गया था।

वर्ष 1954 में मात्र 15 वर्ष की आयु में डा. लोहिया के आह्वान पर नहर रेट आंदोलन में भाग लिया और पहली बार जेल गए। वह पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए विधायक चुने गए। 10 बार विधानसभा व सात बार लोकसभा के सदस्य रहे। 1975 में आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में भी रहे। ॉ

वर्ष 1977 में लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने। वर्ष 1980 में जनता दल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने थे। डा. लोहिया के समाजवादी सिद्धांतों पर चलते हुए मुलायम ने चार अक्टूबर, 1992 में सपा का गठन किया। मुलायम तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और 1996 में देश का रक्षामंत्री भी बने थे।

मुलायम ने राजनीति में विकल्पों को खुला रखा। उन्होंने भाजपा से जंग भी लड़ी और जरूरत पड़ने पर सहयोग भी किया। कांशीराम के साथ मिलकर सरकार गठन कर सबको चौंका दिया था। 1989 में मुलायम पहली बार उप्र के मुख्यमंत्री बने। अयोध्या में मंदिर आंदोलन तेज हुआ तो कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था।

उप्र की सात विभूतियों को पद्मश्री सम्मान

उत्तर प्रदेश की जिन सात विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार मिला है उनमें राधा चरण गुप्त (साहित्य एवं शिक्षा), दिलशाद हुसैन (कला), अरविन्द कुमार (विज्ञान और इंजीनियरिंग), उमा शंकर पाण्डेय (सामाजिक कार्य), मनोरंजन साहू (चिकित्सा), ऋत्विक सान्याल (कला) और विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (साहित्य एवं शिक्षा) शामिल हैं।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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