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अंतिम संस्कार के 6 साल बाद मां-बाप के सामने आकर खड़ा हो गया बेटा, गांव वाले भी रह गए हैरान!

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अंतिम संस्कार

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सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र से एक आश्चर्यचकित करने वाला मामला सामने आया है। जहां 6 साल पहले मर चुका एक नाबालिक वापस लौट आया। जानकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि बच्चे के परिजनों ने पूरे विधि विधान से बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन 6 साल बाद वापस लौटे बच्चे को देखकर परिवार समेत पूरे गांव वाले भौचक्के रह गए। कहानी बेशक फिल्मी लग रही होगी लेकिन सच तो यही है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

पूरा मामला सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के बागेसोती गांव का है जहां छह साल बाद रामनंदन का पुत्र बबलू वापस लौट आया। यह चमत्कार पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान के तहत हुआ। सोमवार को जैसे ही लोगों को बबलू के वापस लौटने की खबर मिली लोगों का उसके घर के बाहर तांता लग गया। गांव के लोग बबलू को हैरानी भरी निगाहों से देख रहे थे साथ ही मन में यह सवाल भी कर रहे थे कि छह साल पहले परिजनों ने जिसका अंतिम संस्कार किया था वह कौन था।

कोन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बागेसोती के सिंगा गांव का बबलू पुत्र रामनंदन 2012 में झारखंड के डाल्टेनगंज से गुम हो गया था। उस समय बबलू की उम्र करीब 12 वर्ष थी। उसके गायब होने की गुमशुदगा भी उसी समय डाल्टेनगंज में दर्ज हुई थी। लोगों की मानें तो गायब होने के कुछ समय बाद डाल्टनगंज में एक नाबालिक का शव बरामद हुआ था। जिसके बाद स्थानीय पुलिस रामनंदन को शिनाख्त के लिए बुलाया था।

उस समय रामनंदन ने शव की शिनाख्त अपने बेटे बबलू के रूप में की थी। बाद में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले में नया मोड़ तब आया जब कोन थाना को सूचना मिली कि क्षेत्र का एक युवक उड़ीसा में है। बाद में पुलिस ने संपर्क स्थापित करके युवक को बुलाया और पुन: उसके मां-बाप से शिनाख्त कराई तो रामनंदन ने युवक को अपना खोया हुआ बेटा बबलू बताया। पुलिस ने इसी आधार पर बबलू की सुपुर्दगी रामनंदन को दे दी।

महज छह साल की उम्र में जो बच्चा गायब हुआ था उसे बरामद करने के लिए पुलिस ने उड़ीसा के कटक थाने, वहां के स्थानीय लोगों व यहां के परिजनों से संपर्क किया। पहले जब यह पता चला कि एक दुकान पर काम करने वाला बच्चा यूपी के सोनभद्र जिले का है तो उससे बात करने की कोशिश की गई। लेकिन बबलू उड़िया भाषा में बोल रहा था। इससे कुछ समझ में नहीं आया। बाद में पुलिस ने परिजनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बच्चे की तस्वीर दिखा गई। बात भी करायी गई। इस आधार पर बच्चे को वहां से लाकर परिजनों को सौंपा।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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