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तालिबान ने मावलावी को मंसूर का उत्तराधिकारी घोषित किया

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तालिबान ने मावलावी को मंसूर का उत्तराधिकारी घोषित किया

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तालिबान ने मावलावी को मंसूर का उत्तराधिकारी घोषित किया काबुल| अफगान तालिबान ने बुधवार को पहली बार अपने सरगना मुल्ला मंसूर के पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने की पुष्टि करते हुए मावलावी हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया। मुल्ला मंसूर बीते शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मारा गया था।

‘खामा प्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने एक ऑनलाइन बयान में पहली बार मुल्ला मंसूर के माने जाने की बात कबूली और मावलावी को उसका उत्तराधिकारी नियुक्त किया। मावलावी को सर्वसम्मति से चुना गया है।

बयान में कहा गया कि हक्कानी आतंकवादी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी व मरहूम तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को समूह का उप प्रमुख बनाया गया है।

तालिबान के नेतृत्व परिषद ने मुल्ला मंसूर पर हुए हवाई हमले के अगले दिन ही उसके उत्तराधिकारी की नियुक्ति से संबंधित बातचीत शुरू कर दी थी।

पूर्व में रिपोर्टों में ऐसा अनुमान लगाया गया था कि हक्कानी व मुल्ला याकूब मुल्ला मंसूर के उत्तराधिकारी हो सकते हैं।

तालिबान की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि मुल्ला मंसूर की मौत से इस समूह के विद्रोह या बलवे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ने मुल्ला मंसूर पर हुए हमले की सूचना दी थी, लेकिन उसके मारे जाने की पुष्टि बाद में नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्योरिटी सहित अफगानिस्तान के सुरक्षा संस्थानों ने की।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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