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मुख्य समाचार

कपास किसानों को आमदनी बढ़ाने के गुर सिखाएगी सीएआई

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वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के तहत कपास किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे प्रशिक्षित किसान कपास की अच्छी खेती कर उत्पादकता बढ़ा सकेगा और इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

कपास किसानों को प्रशिक्षण उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) देगा। सीएआई कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण पर अगले पांच साल में 1.25 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

सीएआई अध्यक्ष अतुल गंतरा का कहना है कि किसानों को प्रशिक्षित करने से कपास की उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

अतुल गंतरा ने बताया कि कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था एसोसिएशन के मुंबई स्थित कार्यालय भवन में की गई है और प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन इस माह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस करेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र खोलने की सूचना देते हुए एसोसिएशन की ओर से महाराष्ट्र के राज्य कृषि लागत मूल्य आयोग के प्रमुख पाशा पटेल को एक पत्र भेजा गया है और मुख्यमंत्री से इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया गया है।

प्रशिक्षण केंद्र खोलने के उद्देश्य पर अतुल गंतरा ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है। जाहिर है कि कपास बेहतर दाम दिलाने वाली फसल है जिसकी खेती से आगामी वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। मगर पिंकबॉल वर्म के हमले से फसल नष्ट हो जाती है और यह किसानों के लिए घाटे का सौदा बन जाता है। प्रशिक्षण मिलने से कपास उत्पादक पिंकबॉल वर्म के प्रकोप से बचाव करने में समर्थ होंगे और नुकसान से बचेंगे।”

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फसल लगाने से लेकर और खेतों से कपास के डंठल यानी कॉटन स्ट्रॉ निकालने तक की पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि कब क्या करना है।

अतुल गंतरा ने कहा, “विशेषज्ञ उन्हें बताएंगे कि कब कपास की फसल लगानी चाहिए। दरअसल, किसान मानसून-पूर्व बारिश में ही कपास की बोवाई शुरू कर देते हैं जिससे नुकसान होता है। किसानों को मानसून उतर जाने पर ही बोवाई शुरू करनी चाहिए। उसके बाद कीटों के हमले के दौरान बचाव के तरीके बताए जाएंगे। फिर उन्हें यह बताया जाएगा कि कितनी बार कपास की पिकिंग करनी है।”

पिकिंग का अर्थ पौधे से कपास पिंड (कॉटन बॉल) को तोड़ने से है। कभी-कभी किसानों दो से तीन या उससे भी अधिक पिंकिंग लेते है जिससे पिंकबॉल वर्म का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दो पिकिंग के बाद डंटल को खेतों से निकाल देना बेहतर होता है।

गौरतलब है कि कपास सीजन 2017-18 (अक्टूबर.सितंबर) में पिंकबॉल वर्म के हमले के कारण महराष्ट्र और तेलंगाना में कपास की फसल नष्ट होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

अतुल गंतरा ने कहा, “विशेषज्ञ किसानों को बताएंगे कि दो पौधों के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए। इसके अलावा कपास की खेती से संबंधित अन्य तकनीक की भी जानकारी दी जाएगी।”

गंतरा ने कहा कि किसानों को ऐसी तकनीक बताने की जरूरत है कि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो।

अतुल गंतरा ने कहा, “हमारी यह योजना मोदी सरकार के संकल्प से प्रेरित है। सरकार ने पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। हमने भी किसानों के प्रशिक्षण के लिए पांच साल की अवधि तय की है। हर साल कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण पर एसोसिएशन 25 लाख रुपए खर्च करेगा। इसका उद्देश्य सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक बनकर किसानों की आमदनी बढ़ाना है।”

उन्होंने कहा कि कपास उत्पादकों को उचित प्रशिक्षण मिलने से निस्संदेह उनकी आमदनी अगामी वर्षों में दोगुनी होगी क्योंकि भारतीय रूई का बाजार दुनियाभर में है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है मगर रूई के निर्यात में अव्वल अमेरिका है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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