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टीवी पर क्या देख रहें है आप, अब सरकार सब पर रखेगी नजर

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नई दिल्ली। अभी तक आपने सुना होगा कि 2000 रु की नोट में चिप लगा है। यह काला धन रोकने के लिए लगाया गया है। मगर यह खबर महज अफवाह के सिवा और कुछ न थी। लेकिन आज हम जो खबर बताने जा रहे हैं वो सौ फीसदी सही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नए टेलीविजन  सेट टॉप बॉक्स  में एक चिप लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह चिप सरकार तक यह जानकारी पहुंचाएगी कि आप कब कौन सा चैनल कितनी देर तक देख रहे हैं।

सरकार

मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने बताया कि इस कदम का मकसद हर एक चैनल के लिए दर्शकों के ‘ज्यादा विश्वसनीय’ आंकड़े (व्यूअरशिप डेटा) इकट्ठा करना है। इससे विज्ञापनदाता और डीएवीपी अपने विज्ञापनों पर सोच-समझकर खर्च कर सकेंगे। केवल उन्हीं चैनलों को प्रचार मिलेगा जिन्हें ज्यादा देखा जाता है।’

आपको बता दें कि डीएवीपी विज्ञापन के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है। नए प्रस्ताव में , मंत्रालय ने ट्राइ से कहा है, ‘प्रस्ताव यह है कि डीटीएच ऑपरेटरों से नए सेट टॉप बॉक्स में चिप लगाने के लिए कहा जाएगा , यह चिप देखे जाने वाले चैनलों और उन्हें देखने समय के बारे में आंकड़े देगी।’ यह प्रस्ताव डीटीएच लाइसेंस से जुड़े कई मुद्दों पर ट्राई की ओर से दी गई सिफारिशों पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया का हिस्सा था।
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय को ऐसा संदेह है कि दूरदर्शन की व्यूअरशिप को कम करके बताया जाता है। चिप लगाए जाने के बाद चैनल के व्यूअरशिप का सटीक आंकड़ा सरकार को मिल सकेगा। सरकार के इस कदम से देश में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (बार्क) दशकों से चला आ रहा एकाधिकार खत्म हो जाएगा। सरकार चिप की मदद से आकड़े जुटाकर बार्क के आंकड़ो से तुलना कर यह पता लगाएगी कि बार्क के आंकड़े कितने वास्तविक हैं।

क्या है चिप लगाने का मकसद

चिप लगाने के पीछे सरकार का एक ही मकसद है। सरकार विज्ञापन देने के लिए यह जानना चाहती है कि लोग कौन सा चैनल ज्यादा देख रहे हैं। सरकार उन चैनलों को ज्यादा विज्ञापन देगी जो चैनल ज्यादा देखे जाते हैं।

बार्क कैसे करती है पता

बार्क नाम की संस्था ने 30 हजार टीवी सेट्स के मदरबोर्ड में मीटर लगवाए हैं। यह संस्था व्यूअरशिप आंकड़े जारी करती है। हालांकि बार्क यह नहीं बताता आंकड़े कैसे और कौन से इलाके से जुटाए।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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