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जुर्म

यौन शोषण का आरोपी लिंगायत मठ का महंत अस्पताल में भर्ती, कल हुआ था गिरफ्तार

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चित्रदुर्ग (कर्नाटक)। कर्नाटक के लिंगायत मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुगा शारानारु को आज शुक्रवार को जेल से चित्रदुर्ग स्थित अस्पताल लाया गया। नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में POCSO अधिनियम के तहत गिरफ्तार महंत ने छाती में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी महंत को गुरुवार रात गिरफ्तार कर जेल में लाया गया, जहां छाती में दर्द की शिकायत के बाद बेहोश हो गए थे। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उनका इलाज जारी है। उन्हें बेंगलुरु के अपोलो या जयदेव अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है।

हास्टल की वार्डन भी अपराध में थी शामिल

महंत पर 15 और 16 साल की लड़कियों के साथ दुष्कर्म का आरोप है, जिसमें उनकी मदद हास्टल की वार्डन के साथ अन्य स्टाफ करते थे। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की शिकायत के आधार पर नजराबाद पुलिस ने मामले की जांच की थी।

पुलिस के अनुसार, मठ में आवासीय सुविधा में रहने वाले पीड़ित छात्राओं को किसी बहाने से महंत के कमरे में भेजा जाता था और वहां लड़कियों को खाने-पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया जाता था।

इसके बाद उनका यौन शोषण किया जाता था। पुलिस ने वार्डन रश्मि को भी हिरासत में ले लिया है। संत की गिरफ्तारी के बाद, अधिकारियों ने चित्रदुर्ग मठ की जिम्मेदारी महंत रुद्र स्वामी को सौंप दी है।

गुरुवार रात ही हुई थी गिरफ्तारी

नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किए गए लिंगायत मठ के महंत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोपी को गुरुवार रात गिरफ्तारी के बाद एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। मेडिकल परीक्षण के बाद उन्हें जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश बी.के. कोमल के समक्ष पेश किया गया।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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