उत्तराखंड
उत्तराखंड: भारी बारिश के चलते 200 से ज्यादा गांवों को खतरा
देहरादून। पहले सूखे की मार ने पहाड़ो को आग के हवाले किया और अब मानसून ने कहर बरसाना शुरु कर दिया है। अल-नीनो के घटते असर व ला-नीनो के बढ़ने से मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दे दी है। इससे वैज्ञानिकों को अंदेशा है कि यह किसी बड़ी अनहोनी का संकेत है। अगर पिछले 100 सालों के शोध पर यकीन किया जाये तो उत्तराखंड में ना सिर्फ जुलाई और अगस्त का महीना भारी पड़ेगा बल्कि 200 से ज्यादा गांव खतरे की जद में आ गये हैं।
बारिश इस बार कहर बनकर बरसने वाली है। इसके संकेत पिथौरागढ़ व चमोली समेत अन्य जिलों में सामने आए हैं। कुमांऊ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मानें तो इस बार मानसून अपने पूरे शबाब पर रहेगा। अलनीनो के खत्म होते असर और ला नीनों के लौटने से इसका असर जुलाई और अगस्त माह में दिखाई देने का दावा किया जा रहा है।
पिछले 100 सालों के मौसम पर हुये शोध पर यकीन किया जाए तो इस बार बादल फटने के साथ-साथ भारी तबाही के भी संकेत वैज्ञानिकों की ओर से दिये गए हैं। गुफाओं के साथ पुरानी जगहों से लिये सैम्पल पर हुये शोध पर अध्ययन के दौरान सामने आया है कि राज्य में 200 से ज्यादा गांवों को इस बारिश से खतरा है।
वहीं वैज्ञानिकों द्वारा शोध में कहा है कि स्थानीय मानसून और पश्चिमी भिक्षोभ द्वारा आए मानसून एक साथ मिलने से केदारनाथ जैसी तबाही की बात कही जा रही है। गौरतलब है 2012 के बाद से एक बार फिर ला-नीनो लौटा है जिसके चलते इस बार पानी खूब बरसेगा। पहाड़ की तलहटियों में बसे गांवों को बारिश से खतरा भी बना है।
पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं तो नैनीताल जिले का ओखलकांडा रामगढ ब्लाक भी रडार पर रखा गया है, वहीं चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी, जिलों में भी ऐसी धटानाओं के संकेत है। पहाड़ में भूस्खलन तो तराई के इलाकों में बाढ़ के खतरे से भी इन्कार नही किया जा रहा है।
हांलाकि जिलों में बैठे अधिकारी भी मानसून के साथ अपनी तैयारियां भी पूरी होने की बात कर रहे है। बहरहाल जिस तरह के संकेत वैज्ञानिकों की ओर से किये जा रहे हंै उसका असर भी राज्य में देखने को मिल रहा है। बेहतर यही होगा की जिलों में बैठे अधिकारी कागजों में तैयारियां करने के बजाये धरातल पर कार्ययोजना बनायें ताकि आपदा के वक्त मदद मिल सके।
उत्तराखंड
10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण
नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।
रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।
रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
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