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इन तीन तरीकों से कर्नाटक में येदियुरप्‍पा बचा सकते हैं अपनी कुर्सी

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कर्नाटक विधानसभा में शनिवार शाम 4 बजे फ्लोर टेस्‍ट होना है। बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस अपने-अपने विधायकों को लेकर बहुत सतर्क हैं। इस बीच बीजेपी ने अपने विधायक केजी बोपैय्या को प्रोटेम स्‍पीकर बना दिया है जिससे उसके विधायकों की संख्‍या 104 से घटकर 103 रह गई है। अब नियमत: प्रोटेम स्‍पीकर वोटिंग नहीं कर सकता लेकिन मामला बराबरी का होने पर वह वोट दे सकता है।

उधर जेडीएस की भी एक सीट कम हो गई है। जेडीएस के एचडी कुमारस्‍वामी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था, उन्‍हें एक सीट छोड़नी होगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों की संख्‍या 115 रह जाएगी। कुल विधायक 221 हैं इसलिए अब बहुमत के लिए 111 सीटें चाहिए।

चूंकि बदले हालात में बीजेपी के पास 103 सीटें हैं इसलिए 111 का आंकड़ा छूने के लिए उसे आठ विधायकों का समर्थन और चाहिए। अब या तो वह किसी तरह से समर्थन जुटाए या फिर ये तिकड़म भिड़ाए :

पहली तिकड़म : बीजेपी कम से कम आठ या उससे अधिक कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को अपने पक्ष में वोट करा ले जाए। लेकिन अगर पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर वोटिंग करने वाले इन विधायकों की संख्‍या कुल संख्‍या के 1/10 से कम है तो दल-बदल विरोधी कानून के मुताबिक इनकी सदस्‍यता छीनी जा सकती है। हालांकि कई बार ऐसा होने में बरसों लग जाते हैं।

दूसरी तिकड़म : यदि बीजेपी अपने सभी विधायकों को फ्लोर टेस्‍ट के दौरान लाने में कामयाब हो जाए और किसी तरह कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को सदन में न आने दे तो बीजेपी को लाभ हो सकता है। संविधान के जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में मौजूद विधायकों की संख्‍या के आधार पर ही बहुमत का फैसला होगा। यह तरीका बीजेपी के लिए ज्‍यादा आसान है।

तीसरी तिकड़म : किसी तरह बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के इतने विधायकों से इस्‍तीफे दिलवा दे कि उनका संख्‍या बल कम हो जाए तो बीजेपी विश्‍वास मत हासिल कर सकती है। लेकिन ऐसे में पेंच यह है कि इस तरह दिए गए इस्‍तीफों की जांच हो सकती है।

अब देखना यह है कि शनिवार को 4 बजे बीजेपी इन्‍हीं में से कोई पैंतरा अपनाती है या फिर कोई नई मिसाल कायम करती है।

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असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को बताया शहीद, बोले- उन्हें जहर देकर मारा गया

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वाराणसी। वाराणसी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देकर मारा गया है। वो मरे नहीं, बल्कि शहीद हुए हैं। पीडीएम की रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी मुख्तार अंसारी के बारे में बोलते हुए कहा कि वह एक इंसान था जो पुलिस कस्टडी में था। उसको मार दिया गया वह शहीद हुए हैं। शहीदों के बारे में कहा जाता है कि वह मरते नहीं हैं। उनको बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की थी जो नाकाम हुए।

असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी के गारंटी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मोदी की एक ही गारंटी है वो है मुसलमानों से नफरत। मोदी की दूसरी गारंटी भारत के संविधान को बदलना है। मोदी की तीसरी गारंटी दलित समाज से आरक्षण को खत्म कर दिया जाए। मोदी पसमांदा समाज की बात करते हैं, लेकिन उनके काम बंद हो रहे हैं।

ओवैसी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो (मुसलमान) सपा के लिए जान दे रहा है उसी के पैर में गोलियां (एनकाउंटर) मारी जा रही हैं। हमें (मुसलमानों) ही जेल में जहर दिया जा रहा है। हमारे ही घर को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। पूर्व सांसद (अतीक) जो 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रहा है उसे कोई भी नजदीक से जाकर गोली मार देता है लेकिन इन सबपर अखिलेश की जुबान से आवाज नहीं निकलती। समाजवादी पार्टी यह चाहती है कि आप भैया के लिए जान कुर्बान करो और दरी बिछाओ। एक वक्त ऐसा आएगा जब अखिलेश यादव खुद दरी बिछाएंगे और आपके लिए जान भी देंगे।

ओवैसी ने मंच से कहा- मुख्तार का नाम लेकर कह रहा हूं मैं किसी के बाप से डरने वाला नहीं हूं। मुख्तार अंसारी एक इंसान था, ज्यूडिशल कस्टडी में था, उसे जहर देकर मार दिया. वह शहीद है और शहीदों के बारे में कहा गया है कि शहीदों को मुर्दा कभी मत कहो वह जिंदा है। लेकिन उनको बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की सरकार की थी और उसमें वह नाकाम साबित हुए हैं।

 

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