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जुर्म

कंझावला कांड: सात आरोपियों के खिलाफ आज पेश होगी चार्जशीट, चार पर हत्या का आरोप  

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Kanjhawala death case

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस इसी साल एक जनवरी को हुए कंझावला कांड में शामिल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करेगी। पुलिस हत्या की धारा के तहत चार्जशीट पेश कर रही है। इसके अतिरक्त पुलिस ने सबूत मिटाने की धारा-201 भी लगाई है।

बता दें कि कुल सात आरोपियों में से चार के खिलाफ पुलिस ने हत्या का आरोप लगाया है। ये 4 लोग वो हैं जो दुर्घटना के वक्त गाड़ी के अंदर मौजूद थे। इनके नाम अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल हैं। आरोपियों पर एक जनवरी को तड़के कार से टक्कर मारकर एक 20 वर्षीय युवती को कई किलोमीटर तक घसीटकर हत्या करने का आरोप है।

दिल्ली पुलिस ने 2 जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हाल ही में इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) लगाया है, जबकि शुरू में यह मामला गैर इरादतन हत्या और सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का था।

इस मामले के दो आरोपी आशुतोष भारद्वाज एवं अंकुश को पहले ही अदालत ने जमानत दे दी है, जबकि दीपक खन्ना की जमानत याचिका को सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस के हाथ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सीसीटीवी लगे हैं, जिससे ये बात साफ होती है कि दुर्घटना स्थल से कुछ ही दूर जाने पर आरोपियों को पता लग गया था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंसी है।

उन्होंने कार रोकी और नीचे देखा। उसके बावजूद उन्होंने अंजलि को बचाने की कोशिश नहीं की और वापस कार में बैठकर भागने लगे। इसी वजह से पुलिस ने कार में बैठे सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।

मामले में मुख्य गवाह निधि (अंजली की दोस्त) का 164 का बयान दर्ज हो चुका है। मामले में फूड डिलिवरी ब्वॉय, 112 के सभी कॉलर्स और घटना के सीसीटीवी फुटेज एक महत्वपूर्ण सबूत हैं।

कोर्ट ने जांच अधिकारी को दिए निर्देश

मामले की सुनवाई करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने पुलिस से पूछा था कि आरोप पत्र दाखिल करने का 90 दिन का समय एक अप्रैल को समाप्त हो रहा है। आप कब तक आरोप पत्र दाखिल करेंगे? जांच अधिकारी ने जवाब दिया कि आरोपपत्र तैयार हो चुका है और उसकी जांच की जा रही है। इसे जल्द दाखिल कर दिया जाएगा।

बता दें कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 167 के तहत अगर जांच एजेंसी 60 या 90 दिन के भीतर अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं करती तो आरोपी जमानत पाने का हकदार हो जाता है।

 

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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