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जेएनयू प्रफेसर ने दिया विवादित बयान, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, 9 फरवरी को जेएनयू में एक कार्यक्रम, एक प्रफेसर का विवादित बयान, दलित और मुस्लिम टीचर 'ऐंटी नैशनल'

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जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, 9 फरवरी को जेएनयू में एक कार्यक्रम, एक प्रफेसर का विवादित बयान, दलित और मुस्लिम टीचर 'ऐंटी नैशनल'

नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित विश्‍वविद्यालयों में से एक जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) लगता है विवादों का साया और गहराने वाला है। अभी 9 फरवरी को जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशद्रोही नारे लगाए जाने के का विवाद समाप्त भी नहीं हुआ है कि यहां के एक प्रफेसर ने विवादित बयान देकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। प्रफेसर ने कथित तौर पर दलित और मुस्लिम टीचरों को ‘ऐंटी नैशनल’ करार देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। एक वेबसाइट में प्रकाशित इंटरव्यू में यूनिवर्सिटी के प्रफेसर का यह बयान छपा है। यह मसला पहले से ही विवादित कारणों से चर्चा में चल रही यूनिवर्सिटी परिसर में तनाव पैदा कर सकता है।

प्रफेसर ने दलित और मुस्लिम टीचरों को बताया ‘देशद्रोही’, जांच का आदेश जारी

वेबसाइट की ओर से लिए गए इंटरव्यू में पूछा गया था कि जेएनयू में कितने टीचर और स्टूडेंट ऐंटी नैशनल हैं। इसके जवाब में प्रफेसर ने कथित तौर पर जवाब दिया था, ‘ऐसे टीचर 10 के करीब होंगे, लेकिन वह ऐसा जताने की कोशिश करते हैं, जैसे हर कोई उनके साथ हो। क्या आप सोच सकते हैं कि जेएनयू जैसे संस्थान में कोई बड़ा मूर्ख ही होगा, जो ऐंटी-नैशनल नारे लगाए जाने का समर्थन करेगा। ऐसे सिर्फ पांच से छह लोग हैं, यह दलित और मुस्लिम हैं। इन लोगों के अपने पूर्वाग्रह हैं।’

प्रफेसर द्वारा दलित और मुस्लिम टीचरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जेएनयू के वाइस चांसलर और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर पांच दिनों के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट जमा कराने को कहा है। अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पीएल पूनिया ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह मामला गंभीर है और इस पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। अब पुलिस हमें इस मामले में अपनी जांच के बारे में बताएगी।’

वेबसाइट ने इस इंटरव्यू का ऑडियो भी अपलोड किया है। जेएनयू में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर बात करते हुए प्रफेसर ने कन्हैया कुमार और उमर खालिद की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी बात की। प्रफेसर ने वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में बिजनौर को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और देशद्रोही तत्वों का गढ़ करार दिया। प्रफेसर ने कहा कि कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में हिरासत में लिए गए छात्रों में से एक का विश्वास ‘मजबूत कश्मीरियत’ में है। दो समुदायों के छह अध्यापकों को ऐंटी-नैशनल करार दिए जाने के बाद तनाव बढ़ गया है। अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पीएल पूनिया का पत्र इस बात के संकेत देता है कि यह मामला जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि यदि प्रफेसर अपने विवादित बयान पर कायम रहते हैं तो इससे यूनिवर्सिटी में माहौल बिगड़ सकता है। पूनिया ने कहा कि आयोग को इस मामले में दो शिकायतें मिली हैं। इन आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच के बाद ही कुछ तय हो सकेगा।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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