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देश में न्याय महंगा करने की साजिश : जद(यू)

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देश में न्याय महंगा करने की साजिश, जनता दल (युनाइटेड) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद यादव

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देश में न्याय महंगा करने की साजिश, जनता दल (युनाइटेड) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद यादव

भोपाल| जनता दल (युनाइटेड) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद यादव ने केंद्र सरकार पर न्याय को महंगा बनाने की साजिश रचने और इस क्षेत्र में भी विदेशी कंपनियों के प्रवेश को आसान बनाने का आरोप लगाया है। यादव ने राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से कहा, “हमारा संविधान कहता है कि हर नागरिक को समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता मिलनी चाहिए, मगर इस मंशा में भारत सरकार द्वारा 13 जनवरी, 2015 को राजपत्र में प्रकाशित बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एण्ड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरीफिकेशन) नियम 2015 बड़ी बाधा बनने वाला है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में अधिवक्ता अधिनियम 1961 के अनुसार, निर्धारित अहर्ता (एलएलबी) हासिल करने पर अधिवक्ता का राज्य अधिवक्ता परिषद में पंजीयन होता है, उसके बाद अधिवक्ता वकालत कर सकता है, मगर राजपत्र की बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एण्ड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरीफिकेशन) नियम 2015 के नियम पांच के अनुसार ‘कोई भी अधिवक्ता अखिल भारतीय बार परीक्षा नियमों अथवा इन नियमों के अंतर्गत निर्गत एक वैध व सत्यापित सार्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस के बिना विधिक प्रैक्टिस करने का पात्र नहीं होगा।’

यादव ने राजपत्र के नियम का हवाला देते हुए कहा, “वर्ष 2010 के बाद सभी अधिवक्ताओं को पांच वर्ष का वकालत नामा पेश करना होगा, इसके बाद ही वे आगे वकालत का काम जारी रख सकेंगे। जो अधिवक्ता ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें प्रैक्टिस न करने वाले अधिवक्ताओं की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसके साथ ही जो नए स्नातक होंगे, उन्हें वकालत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी।” उनका आरोप लगाया, “इस व्यवस्था से एक ओर जहां देशी अधिवक्ताओं पर संकट आने वाला है, वहीं गरीबों को सस्ता न्याय मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसका लाभ उन विदेशी कानूनी कंपनियों और अधिवक्ताओं को मिलने लगेगा, जिन्हें सरकार देश में वकालत करने की अनुमति देने की तैयारी कर रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि अधिवक्ता चाहकर भी राजपत्र में प्रकाशित नई शर्त का विरोध नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि नियम 7़ 1 में कहा गया है कि जो भी अधिवक्ता इन सुधारकारी नियमों का गलत मंशा से दुष्प्रचार करता है, उसे वकील संघ या बार काउंसिल का चुनाव लड़ने से तीन वषरें के लिए वंचित किया जा सकता है। यादव ने राजपत्र में उल्लिखित नियम को संविधान के अनुच्छेद 19(एक)(क) का उल्लंघन बताया हैं। उनका कहना है कि यह सभी नागरिकों को मिले ‘बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन है।

प्रादेशिक

इंस्टाग्राम पर फेमस होने चाहत में दोस्त को ही मार दी गोली, नाबालिग समेत दो हिरासत में

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कोटा। राजस्थान के कोटा में इंस्टाग्राम पर फेमस होने की चाहत में एक नाबालिग ने अपने दोस्त को ही गोली मार दी। लड़के की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, वारदात में इस्तेमाल अवैध देसी कट्टा और खाली कारतूस को बरामद किया है। फिलहाल, पुलिस हथियार के खरीद-फरोख्त के बारे में पूछताछ कर रही है।

कोटा पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि एक मई को महावीर नगर इलाके में कुछ युवक सोशल मीडिया के लिए रील्स बना रहे थे। इसी दौरान देसी कट्टे से गोली चल गई और सीधे इन्हीं में से एक यशवंत नागर को जा लगी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप लगाया था। वारदात में शामिल नाबालिग ने सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो डाल रखी थी।

आरोपी के साथियों अजय साल्वी और दीपक प्रजापति उर्फ ‘लड्डू शूटर’ को भी कोटा से गिरफ्तार किया गया है। कोटा की एसपी अमृता दूहन ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को अजय साल्वी, दीपक प्रजापति और अन्य ने 1 मई को कम्युनिटी सेंटर के सामने एक चाय की दुकान पर गोली मार दी थी।

एक खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने आरोपी नाबालिग को हिरासत में लिया और उसके साथियों अजय साल्वी और दीपक प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया कट्टा भी बरामद कर लिया है।

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