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क्या शिंदे की ठाकरे और राउत से हुई लड़ाई है बगावत का कारण? जानिए इनसाइड स्टोरी

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मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को अपने अब तक के सबसे बड़े सियासी संकट में डालने वाले एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर एक नई बात सामने आ रही है।

दरअसल, शिंदे के विद्रोह से दो दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ पवई के एक होटल में उनकी तीखी बहस हुई थी। बता दें कि यहां शिवसेना के विधायकों को विधानपरिषद चुनाव के लिए ठहराया गया था।

हमारे सूत्र ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के लिए अतिरिक्त वोटों का उपयोग करने को लेकर उनके बीच में विवाद हुआ था। शिंदे कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देने का विरोध कर रहे थे। कांग्रेस उम्मीदवार भाई जगताप को उनकी जरूरत के वोट जरूर मिले, लेकिन दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए।

सूत्र ने कहा, “दो दिन पहले विधान परिषद चुनावों के लिए वोटों के उपयोग पर मुंबई के एक होटल में बातचीत हो रही थी। एकनाथ शिंदे की संजय राउत और आदित्य ठाकरे से असहमति थी।

शिंदे कांग्रेस के उम्मीदवारों को एमएलसी के रूप में चुने जाने के लिए शिवसेना के विधायकों के वोटों का उपयोग करने के खिलाफ थे। दोनों पक्षों के बीच की यह बहस तीखी नोकझोंक में बदल गया। ऐसा लगता है कि यह विद्रोह का एक निर्णायक कारक हो सकता है।”

सूत्र ने कहा कि शिवसेना में जो कुछ भी हो रहा था उससे एकनाथ शिंदे पिछले कुछ महीनों से नाराज चल रहे थे। वह नाखुश थे। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इसके बारे में सचेत कर दिया था।

गौरतलब है कि कांग्रेस के पास केवल एक कैंडिडेट के लिए जरूरी मत थे जबकि, उसने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे। कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में पहले उम्मीदवार के रूप में हंडोरे का नाम था।

लोगों को लग रहा था कि वह चुनाव जीतेंगे। जबकि दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप को कड़ी लड़ाई का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उन्हें जीतने के लिए पार्टी के सहयोगियों से वोटों की आवश्यकता होगी। जगताप विजयी हुए और हंडोरे हार गए। बीजेपी ने पांच सीटें जीती थीं, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने दो-दो सीटें जीती थीं।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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