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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्लूचिस्तान में लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा ईरान और पाकिस्तान: बलूच नेता का दावा

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Hyrbyair Marri head of Free Balochistan Movement

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लंदन। बलूच नेता और फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के प्रमुख हिरबेयर मैरी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि पाकिस्तान और ईरान दोनों मिलकर ‘कब्जे वाले बलूचिस्तान’ में बलूच राष्ट्र के खिलाफ युद्ध अपराध कर रहे हैं।

कहा कि 16 और 18 जनवरी को ईरान और पाकिस्तान दोनों ने पूर्व नियोजित युद्ध आक्रमण में निहत्थे बलूच नागरिकों के मिट्टी के घरों पर मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बमबारी की, जिसमें 12 बलूच शहीद हो गए। साथ ही महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई अन्य घायल हो गए।

ईरान और पाकिस्तान दोनों बलूच पर चाहते हैं नियंत्रण

बलूच नेता ने कहा कि हम अपनी मर्जी से कभी भी ईरान और पाकिस्तान में शामिल नहीं हुए। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान और उसके बाद सैन्य आक्रमण द्वारा बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया।

मैरी ने आगे कहा कि एक गलत धारणा के तहत, ईरानी और पाकिस्तानी दोनों शासक सोचते हैं कि बलूच लोग एक छोटा सा असंगठित राष्ट्र हैं। वे आक्रामक नियंत्रण नीति के तहत उन्हें आसानी से दबा सकते हैं और अपने अधीन कर सकते हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह भ्रम समाप्त होना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम 40 मिलियन से अधिक लोग हैं जो हजारों वर्षों से अपनी धरती पर रह रहे हैं और 1666 से एक राष्ट्र राज्य के रूप में रह रहे हैं लेकिन हमारे दुश्मनों की समस्या यह है कि वे धार्मिक कट्टरपंथी हैं, वे वास्तविकता का सामना नहीं कर सकते।”

बलूच नेता ने UN से किया आग्रह

संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बलूच नेता ने आग्रह किया कि वे 40 मिलियन से अधिक बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी और ईरानी युद्ध अपराधों को नजरअंदाज न करें और उन अपराधों की जांच के लिए एक तथ्य-खोज मिशन बनाएं जो ईरान और पाकिस्तान दोनों दशकों से बलूच राष्ट्र के खिलाफ लगातार कर रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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