हेल्थ
भारतीय महिलाओं में बढ़ रहा कैंसर : विशेषज्ञ
रशेल वी. थॉमस
नई दिल्ली| ऐसे समय में जब अनुवांशिक, पर्यावरणीय और जीवनशैली के कारकों के कारण दुनियाभर में कैंसर पैर पसार रहा है, भारत में भी कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। खासतौर पर ज्यादा से ज्यादा महिलाएं कैंसर की चपेट में आ रही हैं। शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई है।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) के मुताबिक, दुनिया में कैंसर का हर 13वां नया रोगी भारतीय है और देश में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा फैल रहा है। एनसीआई ‘यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसिजस’ (यूएसडीएचएच) का हिस्सा है।
राजधानी में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में निदेशक (ऑन्कोलोजी सेवाएं) डॉ. (कर्नल) रंगा राव रंगराजू ने कहा, “भारत में हर साल कैंसर के 12.5 लाख नए रोगियों में से सात लाख से भी ज्यादा महिलाएं हैं।”
डॉ. रंगराजू ने आईएएनएस से कहा, “हर साल कैंसर के कारण 3.5 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है और 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 4.5 लाख होने की आशंका है।”
नींद की कमी, व्यायाम की कमी, खानपान की गलत आदतें, काम से जुड़ा तनाव, सिगरेट और शराब के सेवन के कारण सर्केडियन क्लॉक (शारीरिक घड़ी) असंतुलित हो जाती है। यह कैंसर के कारण महिलाओं की मौतों का एक प्रमुख कारण है।
बीएलके सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ कंसलटेंट डॉ. संदीप बत्रा के मुताबिक, “हमारी निष्क्रिय जीवनशैली कैंसर के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।”
पेशेवर जीवन को ज्यादा महत्व देने के कारण शहरी महिलाएं देर से शादी करती हैं और देर से बच्चों को जन्म देती हैं। इनमें से कुछ होर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपियां भी लेती हैं, जिसके कारण कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है।
डॉ. बत्रा ने कहा, “अप्राकृतिक होर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से बचना चाहिए।”
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट (सर्जिकल ओंकोलोजी और रोबोटिक) डॉ. समीर कौल के मुताबिक, “महत्वकांक्षी होना सही है, लेकिन साथ ही सही समय पर गर्भाधान भी जरूरी है।”
डॉ. कौल सलाह देते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, सही वजन रखना और पर्याप्त व्यायाम के साथ ही सुरक्षित यौन जीवन कैंसर को दूर रखने में मददगार हो सकता है।
हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, मुख्यतौर पर खराब जीवनशैली के कारण भारत में कैंसर के रोगियों की संख्या में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘कैंसर पर शोध के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी’ द्वारा कराए गए अध्ययन ‘ग्लोबोकैन’ के मुताबिक खराब जीवनशैली के कारण स्तन, डिंबग्रंथी और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि महिलाओं को वार्षिक स्वास्थ्य जांच भी अवश्य करानी चाहिए। 35 साल की उम्र के बाद स्त्री रोगों से बचाव के लिए भी पूरी जांच करानी जरूरी है।
गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीटयूट के निदेशक (सर्जिकल ऑनकोलोजी) डॉ. वेदांत काबड़ा के मुताबिक, “कैंसर का ईलाज केवल सरकार के दिशा-निर्देशों पर चलने वाले प्रमाणित केंद्रों पर ही कराना चाहिए।”
महिलाओं में जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है क्योंकि इससे समय पर समस्या का निदान हो जाता है जो कि कैंसर के ईलाज के लिए बेहद जरूरी है।
कई बार जागरूकता की कमी के साथ ही सामाजिक-आर्थिक कारणों से, कई महिलाएं कैंसर से जुड़े खतरों और संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं। यह बेहद जोखिमभरा हो सकता है क्योंकि ऐसे मामलों में कैंसर का निदान बेहद देर में होता है, जिसके बाद ईलाज अप्रभावी हो जाता है।
डॉ. बत्रा ने कहा कि दैनिक व्यायाम के साथ ताजे फल और सब्जियां खाना और तनाव रहित माहौल कैंसर के खतरे से दूर रखने में मददगार है।
उन्होंने कहा, “दूषित और हानिकारक जंक फूड के सेवन से बचें, क्योंकि यह शरीर के सामान्य तंत्र को प्रभावित करके कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।”
लाइफ स्टाइल
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
सेहतमंद आहार लें
संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।
गतिहीन जीवनशैली से बचें
बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय
व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।
तनाव से बचें
तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
अच्छी और गहरी नींद
समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।
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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
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